पूर्वोत्तर राज्यों सहित पूरे देश में गोल्फ को बढ़ावा देने के लिए आईजीयू को मिली 2 करोड़ रुपये की फंडिंग

आईजीयू के अध्यक्ष बृजिंदर सिंह ने एक बयान में कहा, “सबसे बड़ी चुनौती फंड थी

पूर्वोत्तर राज्यों सहित पूरे देश में गोल्फ को बढ़ावा देने के लिए आईजीयू को मिली 2 करोड़ रुपये की फंडिंग

नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। पूरे देश में गोल्फ को बढ़ावा देने, ग्रासरूट स्तर के कार्यक्रम में सुधार, भारतीय राष्ट्रीय गोल्फ अकादमी (एनजीएआई) को मजबूत करने और पूर्वोत्तर भारत में खेल के विकास सहित अन्य कार्यों के लिए खेल की राष्ट्रीय शासी निकाय, इंडियन गोल्फ यूनियन (आईजीयू) को 2 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है।

आईजीयू ने भविष्य के चैंपियन तैयार करने और खेल में अधिक युवाओं को आकर्षित करने के लिए पेशेवर गोल्फर मानव जैनी द्वारा संचालित भारत गोल्फ प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए।

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालयों में कई मुकदमों के कारण आईजीयू को पिछले 3-4 वर्षों में रोलेक्स और यस बैंक जैसे कई निजी प्रायोजकों ने वित्तीय समर्थन देना बंद कर दिया था। हालांकि, बृजिंदर सिंह की अगुवाई वाली गवर्निंग काउंसिल ने रॉयल एंड एंशिएंट (आर एंड ए), विश्व गोल्फ नियम निकाय और खेल मंत्रालय के साथ साझेदारी करके राष्ट्रीय खेल महासंघ के पास कमी वाले कोष को पुनर्जीवित किया।

आईजीयू द्वारा आयोजित प्रमुख गोल्फ कार्यक्रम इंडियन ओपन में भी मुख्य प्रायोजक हीरो मोटोकॉर्प के सौजन्य से पुरस्कार राशि में भारी उछाल देखा गया। डीपी वर्ल्ड टूर इवेंट 28 से 31 मार्च तक गुरुग्राम के डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब में 2.25 मिलियन डॉलर के भारी भरकम पुरस्कार राशि के साथ खेला जाएगा।

आईजीयू के अध्यक्ष बृजिंदर सिंह ने एक बयान में कहा, “सबसे बड़ी चुनौती फंड थी। किसी भी पहल को करने में सक्षम होने के लिए हमें धन की आवश्यकता थी। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पिछले एक साल में, हम एक बड़ा कोष बनाने में मदद करने के लिए विभिन्न प्रायोजकों और सरकारी निकायों का भी उपयोग करने में सक्षम हुए हैं। अब हम भारत में गोल्फ के खेल को बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों की योजना बना सकते हैं। हम आर एंड ए के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और विकास योजना बनाने के लिए उनके संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।”

पिछले एक साल में, आईजीयू ने राष्ट्रीय स्क्वाड प्रणाली को फिर से शुरू किया, एनजीएआई को मजबूत करने के लिए यूरोपीय कोचों के निकाय के साथ सहयोग करना शुरू किया और वांछित प्रदर्शन के लिए भारतीय एमेच्योर टीमों को 20 विदेशी टूर्नामेंटों में भेजा।

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