बदलते परिवेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना के लिए आईसीएआर ने धानुका एग्री-टेक से किया समझौता

धानुका एग्री-टेक केंद्रीय संस्थानों, अटारी और केवीके के सहयोग से इन छोटे किसानों को कृषि उत्पादन पर प्रशिक्षण देगा

बदलते परिवेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना के लिए आईसीएआर ने धानुका एग्री-टेक से किया समझौता

नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और धानुका एग्री-टेक लिमिटेड ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। कृषि मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक कृषि विस्तार (आईसीएआर) के उप महानिदेशक डॉ. यूएस गौतम और धानुका एग्री-टेक लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. आरजी अग्रवाल ने संबंधित संस्थानों की ओर से समझौता ज्ञापन पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए।

इस समझौते का उद्देश्य किसानों तक नई तकनीक लाने के लिए दोनों संस्थानों की क्षमताओं का उपयोग करना और देश भर के छोटी जोत के किसानों को कृषि उत्पादन पर प्रशिक्षण देना है। देशभर में 14.5 करोड़ से ज्यादा किसान हैं, जिनमें से ज्यादातर के पास छोटी जोत है। धानुका एग्री-टेक केंद्रीय संस्थानों, अटारी और केवीके के सहयोग से इन छोटे किसानों को कृषि उत्पादन पर प्रशिक्षण देगा।

डॉ. गौतम ने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रही है और भारत भी इससे अछूता नहीं है, ऐसे समय में दोनों संगठनों को कृषि उत्पादन के उन नवीन तरीकों पर मिलकर काम करने की जरूरत है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। एमओयू का उद्देश्य बदलते परिवेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि धानुका एग्री-टेक आईसीएआर-अटारी और केवीके के सहयोग से किसानों को सलाहकार सेवाएं और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इस अवसर पर आईसीएआर के सहायक महानिदेशक, निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक और आईसीएआर मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।











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