पाकिस्तान से भारत आये इस परिवार की आपबीती सुनकर सिहर जायेंगे आप, इस दर्दनाक स्थिति में हैं पाकिस्तान में हिन्दू

पाकिस्तान से भारत आये इस परिवार की आपबीती सुनकर सिहर जायेंगे आप, इस दर्दनाक स्थिति में हैं पाकिस्तान में हिन्दू

आये दिन लड़कियों के अपहरण और जबरन शादी की धमकी, उत्पीड़न और शोषण की घटनायें, नेपाल के रास्ते भारत आया ये परिवार, भारत में रहने की जताई इच्छा

भारत के पडोसी देश पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की दयनीय स्थिति किसी से छुपी नहीं है। पाकिस्तान में आये दिन हिन्दू परिवारों पर अत्याचार की घटनाएँ सामने आती रहती है। अब पाकिस्तान में लड़कियों के अपहरण और जबरन शादी की धमकी से परेशान एक परिवार पाकिस्तान छोड़कर भारत लौट आया है। पाकिस्तान में हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि परिवार बिना वीजा के भारत आया है। 10 लोगों का परिवार पिछले 25-30 दिनों से राजस्थान के बाड़मेर में अपने रिश्तेदार के घर रह रहा है। इस परिवार ने पाकिस्तान की जो दुर्दशा बताई है, वह हैरान करने वाली है। परिजनों का कहना है कि आए दिन बच्चियों को उठा लेने की धमकियां मिल रही थीं। आए दिन उत्पीड़न और शोषण की घटनाओं से वो काफी परेशान रहते थे।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के मीरपुर में रहने वाले इस परिवार के राजेश मेघवाल अपने दो बेटों, परिवार की महिलाओं और बेटियों के साथ पाकिस्तान से दुबई पहुंचे। इसके बाद उन्होंने नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश किया। भारत में लखनऊ होते हुए जोधपुर पहुंचे। वह करीब 10 दिनों तक जोधपुर के सालुदी गांव में अपने रिश्तेदार के घर रहा। परिजन 16 अप्रैल को जोधपुर से बाड़मेर के रोहिला गांव पहुंचे और अपने संबंधियों के घर रुके। उनके रिश्तेदार अभी भी पाकिस्तान में रहते हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तानी परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है। उनके सामान की भी जांच की गई है। परिवार ने जोधपुर और बाड़मेर में सीआईडी कार्यालयों में उपस्थित होकर भारत में रहने की इच्छा व्यक्त की है। सीआईडी कार्यालय ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। हालांकि अभी तक मंत्रालय की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। पाकिस्तान से भारत आई एक महिला रानी ने कहा, "मेरे बेटे का पाकिस्तान में अपहरण कर लिया गया था। उसे चाकू मारने के बाद उसे छोड़ दिया गया। हमारी महिलाओं और लड़कियों को उठा लेने की धमकी दी गई। हम कई लंबे समय से वीजा के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हम इसमें सफल नहीं रहे। किसी ने कहा कि आपको नेपाल में वीजा मिल जाएगा, लेकिन वहां से भी हम बिना वीजा के सड़क मार्ग से भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए हैं।" रानी के बेटे राजेश कुमार ने कहा, "मेरे भाई का अपहरण कर लिया गया और फिरौती की मांग की गई। हमारे पास इतना पैसा नहीं था। धीरे-धीरे मुश्किलें बढ़ने लगीं। वो लोग मुझे रोज परेशान कर रहे थे। घर में बेटियों का होना बहुत डरावना था।"
आपको बता दें कि परिवार ने जोधपुर और बाड़मेर सीआईडी से संपर्क कर भारत में रहने की इच्छा जताई है। सीआईडी कार्यालय ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मामले पर मार्गदर्शन मांगा है। एसपी दीपक भार्गव के मुताबिक बाड़मेर पुलिस को कोई दस्तावेज या जानकारी नहीं मिली। परिवार बिना वीजा के भारत में रहता है। परिवार ने दुबई और नेपाल में वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन असफल रहा। जोधपुर और बाड़मेर में सीआईडी के सामने पेश हुए। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने जांच की, लेकिन अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।
सूत्रों के मुताबिक, भारत-पाक बंटवारे से पहले राजेश के माता-पिता काम के सिलसिले में सिंध गए थे। इसी दौरान भारत-पाकिस्तान का विभाजन हुआ। तब से वे पाकिस्तान के मीरपुर विशेष इलाके में रह रहे हैं। शेष परिवार बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र के रोहिला गांव में रहता है। वह लंबे समय से पाकिस्तान के उत्पीड़न के कारण भारत आना चाहता था। लंबे समय से वीजा के लिए प्रयास कर रहा था। उन्होंने नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश किया क्योंकि उन्हें पाकिस्तान से भारत आने का वीजा नहीं मिला था।