मृत महिला की आंखें खुली होने से परिजनों में मौत को लेकर रहा असमंजस, जानें पूरा घटनाक्रम

मृत महिला की आंखें खुली होने से परिजनों में मौत को लेकर रहा असमंजस, जानें पूरा घटनाक्रम

108 के सदस्यों ने आकर बेटे को समजाया, 4 से 5 घंटे तक चलती रही बहस

गुजरात के भावनगर में सिंधुनगर की महिला को कोरोना के उपचार के दौरान मौत हो जाने के बाद सिंधु नगर शमशान घाट पर ले जाया गया। जब महिला का बेटा उसे अंतिम विधि के दौरान स्मशान घाट पर हार पहना रहा था। उस दौरान माता की आंखें खुली देखकर बेटा चौक गया और उसे ऐसा लगा कि उसकी मां जिंदा है। उसने जोर से आवाज लगाई। यह सुनकर आसपास के सभी लोग दौड़े आए 3 से 4 घंटे तक महिला जीवित है या नहीं इस पर बहस चलती रही। अंत में बेटे ने महिला को मृतक मानकर उसकी अंतिम विधि की।
बात ऐसी है कि भावनगर के सिंधु नगर में एक महिला का कोरोना रिपोर्ट टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे हॉस्पिटल में दाखिल किया गया था। जहां की उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसे सिंधु नगर के श्मशान घाट पर ले जाया गया था। वहां पर महिला का बेटा जब उसे फूल हार पहनाने जाने लगा तो उसने देखा कि उसकी माता की आंखें खुली है। यह देखकर बेटे को लगा की माता जीवित है। इस शक के आधार पर उसने स्मशान घाट के लोगों को इकट्ठा कर लिया और 108 इमरजेंसी सेवा को भी बुला लिया।
108 के स्टाफ ने मृतक महिला के बेटे को समझाने का प्रयास किया और बताया कि यदि वह अपनी जिद पर अड़ा रहेगा तो उन्हें लाश को अस्पताल ले जाना पड़ेगा और अस्पताल में भी तुम्हें यही उत्तर मिलेगा। पर इन सबके बाद महिला का पोस्टमार्टम करवाना पड़ेगा, जिसमें कि 3 से 4 घंटे और बिगड़ेगे। बेटे को लाख समझाने के बाद वह लोगों की बात समझ गया और उसने माता का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान वहां पर स्थिति बहुत ही तंग हो गई थी। बेटे की ममता और जीवन की सच्चाई के बीच कई घंटों तक जद्दोजहद के बाद आखिर मामला शांत हुआ।