कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति को कब लेनी चाहिये वैक्सीन, जानें क्या कहती है मार्गदर्शिका

एनटीएजीआई ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच अंतर को बढ़ाया

देश में फैले कोरोना महामारी के बीच कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन को सबसे अहम हथियार मानकर वैक्सीनेशन पर केंद्र के साथ राज्य सरकार भी जोर दे रही हैं। साथ ही एक मई से टीकाकरण का तीसरा चरण देश में शुरू हुआ है जिसमें 18 से 45 साल वाले लोगों को वैक्सीन लगाया जा रहा हैं। इन हालत में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। कई जगहों पर वैक्सीन के डोज ही नहीं हैं और जहां हैं वहां पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। इसके अलावा जो लोग वैक्सीन की दूसरी डोज लेना चाहते हैं, वे अपना अपॉइंटमेंट बुक नहीं करा पा रहे, ऐसे में उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि अगर समय पर वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं मिली, तो क्या होगा? मगर ऐसे में कई सवाल भी सामने आए हैं कि कोरोना संक्रमित मरीजों को वैक्सीन की डोज कब लेनी चाहिए और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं कब कोविड टीका लगवा सकती हैं? सरकारी पैनल ने गुरुवार को इन सवालों के जवाब देते हुए सिफारिश की है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक होने के 6 महीने बाद ही वैक्सीन की पहली डोज लेनी चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते यानी करीब 4 महीने करने की सिफारिश की है। हालांकि, कोवैक्सिन की खुराकों के लिए बदलाव की अनुशंसा नहीं की गई है। बता दें कि वर्तमान में कोविशील्ड टीके की दो खुराकें 4-8 हफ्ते के अंतराल पर दी जाती हैं। सरकारी पैनल की इस सिफारिश को कुछ लोग वैक्सीन की किल्लत से भी जोड़कर देख सकते हैं। वैक्सीन की कमी के चलते महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से टीकाकरण प्रभावित हुआ है। कहा जा रहा है कि देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को देखते हुए सरकारी पैनल ने कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने की सिफारिश की है।
आपको बता दें कि वैक्सीनेशन के शुरुआत में गर्भवती महिलायों को वैक्सीन न लगवाने की सलाह देने याले इसी सहकारी पैनल ने अब कहा कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 के वैक्सीन की सारी जानकारी देते हुए कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं। साथ ही एनटीएजीआई ने यह भी कहा है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके है, उन लोगों को ठीक होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए।