ट्विटर सौदा : एलन मस्क ने हाथ में ली कमान, पराग अग्रवाल सहित कई अधिकारियों को दिखाया बाहर का रास्ता

ट्विटर सौदा : एलन मस्क ने हाथ में ली कमान, पराग अग्रवाल सहित कई अधिकारियों को दिखाया बाहर का रास्ता

छः महीने के ड्रामें के बाद आखिरकार दुनिया के सबसे अमीर शख्सप एलन मस्कस ने ट्विटर का अधिग्रहण मंजूर कर लिया

आखिरकार एलन मस्क और ट्विटर के बीच चल रही खींचतान खत्म हुई और अब सोशल मीडिया प्ले्टफॉर्म ट्विटर को अपना नया बॉस मिल गया। बीते करीब छह महीने से चल रहे इस ड्रामे का अंत दुनिया के सबसे अमीर शख्स् एलन मस्क् के ट्विटर का अधिग्रहण को मंजूर करने के साथ समाप्त हुआ। इसी के साथ वो कंपनी के नए चीफ इन चार्ज बन गए हैं। एलन मस्क ने ट्विटर पर कंट्रोल कर लिया है और आते ही उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया। मस्क ने आते ही अपने शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्विटर के नए सर्वेसर्वा मस्क ने सीईओ पराग अग्रवाल, सीएफओ नेड सेगल, जनरल काउंसल सीन एडगेट और कानूनी नीति, ट्रस्ट और सुरक्षा के प्रमुख विजया गड्डे को ट्विटर से निकाल दिया है। अग्रवाल को पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया था।


आपको बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपनी खबर में कहा कि मस्क ने बृहस्पतिवार को ट्विटर को खरीदने के 44 अरब अमेरिकी डॉलर के करार को अमलीजामा पहना दिया। खबर में इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से कहा गया है कि मस्क ने “कम से कम चार शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को हटाने के साथ ही ट्विटर से अधिकारियों की छुट्टी का सिलसिला शुरू कर दिया है।” वहीं अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट  के अनुसार, ट्विटर के मुख्य  कार्यकारी अधिकारी (CEO) पराग अग्रवाल और मुख्य  वित्तर अधिकारी (CFO) नेड सेगल ने भी कंपनी छोड़ दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि ये दोनों ही अधिकारी सैन फ्रांसिस्को  स्थित कंपनी के हेडक्वाअर्टर से बाहर निकल गए और लौटकर नहीं आए। मस्क  के पास 27 अक्तूतबर तक 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने या कोर्ट ट्रायल का सामना करने की डेडलाइन थी और उन्होंऔने कंपनी खरीदने का विकल्प  अपनाया।

पराग अग्रवाल को क्यों निकाला? 


आपको बता दें कि एलन मस्क ने पराग अग्रवाल पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खातों की संख्या को लेकर उन्हें और ट्विटर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। खबरों की मानें तो जब ट्विटर के साथ एलन मस्क की डील पूरी हुई, तब अग्रवाल और सेगल दफ्तर में ही मौजूद थे। इसके बाद उन्हें दफ्तर से बाहर निकाल दिया गया। हालांकि, इसे लेकर ट्विटर, एलन मस्क या किसी अधिकारी की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

अप्रैल में दिया था प्रस्ताव


ट्विटर के सौदे की बात करें तो इसी साल अप्रैल में दुनिया के सबसे अमीर आदमी मस्क  ने सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर को खरीदने का प्रस्ताहव दिया था। इसके बाद डील और उसकी कीमत पक्कीय होने के बाद एलन ने स्पैमम अकाउंट की शिकायत करते हुए डील को रद्द करने की बात कही थी। इसके बाद कंपनी इसके खिलाफ अदालत गई, जहां आरोप-प्रत्यानरोप की बहस के बाद आखिरकार मस्के ने डील को मंजूरी दे दी और बृहस्पसतिवार को ट्विटर के हेडक्वापर्टर पहुंच गए। कोर्ट ने मस्कह को डील पूरी करने या ट्रायल का सामना करने का विकल्पे दिया था। इसके बाद अक्तू बर में मस्कर का मन बदला और उन्हों ने 54।20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से ट्विटर को खरीदने की मंजूरी दे दी अगर कंपनी अपना केस वापस लेती है तो। हालांकि, उस समय ट्विटर के वकील ने कहा था कि मस्क। का यह कदम डील को लटकाने के लिए है और वे एक बार फिर गुमराह कर रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि मस्कक को 28 अक्तू बर तक डील पर हर हाल में फैसला करना ही होगा।

इसलिए मस्क‍ ने खरीदा ट्विटर


एलन मस्कस ने अपने एक संदेश में लिखा, ट्विटर खरीदने का सबसे बड़ा कारण भविष्यु के समाज के लिए एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना है, जहां ज्यादा भरोसे के साथ किसी मुद्दे पर सभ्यए तरीके से बातचीत की जा सके और इसमें हिंसा की गुंजाइश न हो।