कोवैक्सीन और स्पूतनिक का टीका लेने वाले भारतीय विद्यार्थियों के लिए यह है अमेरिकी यूनिवर्सिटी का आदेश

कोवैक्सीन और स्पूतनिक का टीका लेने वाले भारतीय विद्यार्थियों के लिए यह है अमेरिकी यूनिवर्सिटी का आदेश

वैक्सीन की असरकारकता और सुरक्षा के बारे में अपूर्ण डाटा का दिया हवाला

कोरोना महमारी के दौरान अमेरिकी युनिवर्सिटियों की कोरोना वैक्सीन की नीतियों के कारण भारत सहित अन्य कई विदेशी विद्यार्थी काफी तकलीफ में आ सकते है। अमेरिका की युनिवर्सिटियों ने भारत के उन छात्रों को फिर से कोरोना का टीका लगाने के लिए कहा है, जिन्होंने भारत में कोरोना के लिए कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी वैक्सीन ली है। अमेरिका के सभी यूनिवर्सिटीने उन छात्रों को फिर से टीकाकरण करवाने के लिए कहा है, जिन्होंने डबल्यूएचओ द्वारा बताए गए वैक्सीने के अलावा अन्य कोई भी वैक्सीन ली हो। 

अमेरिकी यूनिवर्सिटी का कहना है की वैक्सीन की असरकारकता और सुरक्षा के मुद्दों के बारे में उचित जानकारी देने के लिए इन टीकों के डाटा का अभाव है। जिसके चलते सेमेस्टर शुरू होने के पहले सभी को फिर से एक बार वैक्सीनेशन करने के लिए कहा जा रहा है। इस आदेश के बाद सभी छात्र दो अलग-अलग वैक्सीन के शरीर में जाने से उसके द्वारा संभवित साइड इफेक्ट होने की संभावना से परेशान है। इस बारे में अमेरिका सीडीसी के प्रवक्ता ने बताया कि अभी इस तरह का कोई संशोधन नहीं किया गया है जिसमें 2 अलग-अलग वैक्सीन लेने से सुरक्षा और उसकी प्रभावशीलता का अभ्यास किया गया हो। 
उल्लेखनीय है कि डबल्यूएचओ द्वारा वैक्सीन को लिस्टेड किया गया है, जिसमें भारत की फाइजर वैक्सीन का भी समावेश किया गया है। पर फिलहाल कोवैक्सीन का समावेश किया नहीं गया है। जिसके कारण कई छात्रों और विदेश जाने वाले लोंगोन को तकलीफ़ों का सामना करना पड़ रहा है।