इस कंपनी ने किया नेजल स्प्रे से 99.99 प्रतिशत कोरोना वायरस खत्म करने का दावा

इस कंपनी ने किया नेजल स्प्रे से 99.99 प्रतिशत कोरोना वायरस खत्म करने का दावा

नीडल और सिरिंज की नहीं पड़ेगी जरूरत, कम की जा सकेगी वैक्सीन की कीमत

कोरोना के इस कठिन समय में कैनेडा की एक कंपनी की तरफ से एक अच्छी खबर आई है। कैनेडा की सेनोटोईज कंपनी ने दावा किया है की उन्हों ने एक ऐसा नेसल स्प्रे बनाया है जो 99.99 प्रतिशत कोरोना के वायरस को मार सकता है। कंपनी का दावा है कि यह स्प्रे हवा में ही बीमारी के वायरस को मार सकता है।
द सन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैनेडा की इस कंपनी ने कहा की सेनोटोईज ने कहा की उनकी कंपनी द्वारा बनाया गया यह नेसल स्प्रे फेफड़ों को भी साफ करता है। कंपनी ने बताया कि जिन लोगों ने स्प्रे का इस्तेमाल किया उनके शरीर में से 24 घंटे में 95 प्रतिशत वायरस लोग रिडक्शन पाया गया। जो की 72 घंटो के भीतर बढ़कर 99 प्रतिशत हो जायेगा। चीफ इन्वेस्टीगेटर स्टीफन विंचेस्टर ने बताया की पूरे विश्व में चल रही कोरोना महामारी के खिलाफ यह स्प्रे काफी बड़ा हथियार साबित होगा।
(Photo: IANS)
उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से कोरोना के खिलाफ नेजल स्प्रे जैसी दवाओं को लेकर काफी रिसर्च किया जा रहा है। भारत में भी हैदराबाद में बायोटेक कोरोफ्लू नामक एक वैक्सीन बना रही है। जिसे अन्य वैक्सीन की तरह सिरिंज से नही बल्कि नाक से दिया जायेगा। इस वैक्सीन का पूरा नाम कोरोफ्लू : वन ड्रॉप कोविड-19 नेजल वैक्सीन है।
इस वैक्सीन के फेज 1 का ट्रायल अमेरिका के सेंट लुईस यूनिवर्सिटी वैक्सीन एंड ट्रीटमेंट एव्ल्युएशन यूनिट में होगा। यदि भारत बायोटेक को जरूरी अधिकारी मिलते है तो उसका हैदराबाद के जीनोम वेली में इसका ट्रायल करवाया जाएगा। कंपनी के चेरमेन डॉ. कृष्णा एला ने बताया की वह वैक्सीन के 100 करोड़ डोज़ बनाएँगे। जिससे की एक ही डोज़ में अधिक से अधिक लोगों को महामारी से बचाया जा सके। 
इस वैक्सीन के कारण निडल और सिरिंज का खर्च बचाया जा सकेगा और वैक्सीन की कीमत भी कम हो जाएगी। चूहों पर किए गए परीक्षण पर इस वैक्सीन के अच्छे परिणाम सामने आए है। जिसका रिपोर्ट साइन्स जर्नल सेल और नेचर मेगेजीन में छपा है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के रेडिएशन एंकोलोजी के प्रोफेसर और बायोलोजिकल थेराप्युटिक्स सेंटर के डायरेक्टर डॉ. डेविड टी क्यूरीएल ने कहा की नाक में डालने वाली यह वैक्सीन सामान्य वैक्सीन से अलग होगी। कोरोफ्लू से बनी हुई एंटीबॉडी कोरोना के सामने लड़ने में सहायक साबित होगा। इस समय अमेरिका, कैनेडा, नेधरलेंड, फिनलेंड और भारत में नाक से दी गई वैक्सीन बनाई जा रही है।