तलाक और बच्चों के भरणपोषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया निर्णायक फैसला, जानें क्या कहा

तलाक और बच्चों के भरणपोषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया निर्णायक फैसला, जानें क्या कहा

छह सप्ताह के भीतर 4 करोड़ की समजौता राशि जमा करने का दिया समय,

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवर को एक केस की सुनवाई के दौरान अहम फैसला लिया गया। एक दूसरे से अलग रहने वाले दंपत्ति को तलाक लेने की अनुमति तो दी। पर साथ ही में यह भी कहा कि तलाक पति और पत्नी के बीच होता है पर बच्चों के बीच नहीं। शीर्ष ने अदालत ने डायमंड के व्यापार से जुड़े इस शख्स को 4 करोड़ की राशि जमा करने के लिए कहा है। इसके लिए पति को छह सप्ताह का सप्ताह भी दिया है। 
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने सुनवाई के दौरान दोनों पति और पत्नी आपसी समजौते से तलाक के लिए राजी हुये थे। जिसके चलते कोर्ट ने दोनों के तलाक को सहमति दे डी थी। हालांकि कोर्ट ने पति को कहा की आप अपनी पत्नी को तो तलाक दे सकते है पर अपने बच्चों को नहीं। क्योंकि आप दोनों ने मिलकर उन्हें जन्म दिया है। आप दोनों को उनकी देखभाल करनी होगी। इसके अलावा आपको अपनी की समजौता राशि भी देनी होगी, जिससे की वह बच्चों का पालन पौषण कर सके। 
पीठ ने कहा कि तय किए हुये समयमर्यादा में पति द्वारा समजौता राशि का भुगतान करना ही होगा। इसके लिए कोरोना महामारी का कोई भी कारण देना उपयुक्त नहीं होगा। क्योंकि दोनों के बीच यह समजौता साल 2019 में हुआ था और उस समय कोई महामारी नहीं थी। कोर्ट ने कहा कि पति को आगामी आने वाली एक सितंबर तक एक करोड़ और 30 सितंबर तक बचे हुये तीन करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा।