सूरत : हैंडवर्क करने वाले पिता की बेटियों ने शहीद जवानों के पिता को अर्पण किया 51 हजार रुपए का चेक

सूरत : हैंडवर्क करने वाले पिता की बेटियों ने शहीद जवानों के पिता को अर्पण किया 51 हजार रुपए का चेक

कोरोना मरीजों की सेवा कर रही दोनों बहनों को वेतन के तौर पर मिले पैसों का किया दान

कोरोना महासंकट में जहां कई लोगों ने मजबूर लोगों का फायदा उठाने का एक भी मौका नहीं छोड़ा वहीं कई लोग ऐसी भी है, जिन्होंने इस कठिन समय में लोगों की सहायता के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए है। सूरत के पुणा गाम आइसोलेशन इलाके में काम करने वाली दो बहनों ने अपनी कमाई के 51 हजार रुपए शहीद परिवार के जवानों को सहायता करने के लिए 'जय जवान नागरिक समिति-सूरत' को अर्पण कर अपनी राष्ट्रभावना और दरियादिली की मिसाल दी थी।
पुणा गाम की पटेल समाज की वाडी में खोडलधाम समिति द्वारा कोविड आइसोलेशन सेंटर शुरू किया गया है। जिसमें मित्तलबेन भावेशभाई बवाडिया और उनकी सफ़ी बहान दक्षिताबेन अपनी सेवा दे रही है। भावनगर जिले के महुवा तहसील के अमृतवेल गाँव की और फिलहाल सूरत में रहने वाले भावेशभाई को दो पुत्रीयों में मिततलबें अहमदाबाद में बीडीएस कर रही है, जबकि दक्षिता बेन वडोदरा की होमियोपेथी कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। जिन्होंने एक मिसाल पेश करते हुये अपनी एक महीने की पगार शहीद पवार के जवानों को अर्पण की थी।
दोनों की इस भावना की जय जवान नागरिक समिति द्वारा काफी तारीफ की गई थी। समिति के चैरमेन और वराछा को.ओप. बैंक के चैरमेन कानजीभाई भलाला ने कहा की दोनों युवती के पिता पिछले 20 साल से सूरत में रहकर हैंडवर्क कर रहे है। आज तक वह कभी भी होटल में भोजन के लिए नहीं गए और ना ही अपने बेटे का जन्मदिवस मनाया है। पर उन्होंने अपने बच्चों के जीवन में संस्कारों का भरपूर सिंचन किया है।