सूरत : जीएसटी दर को लेकर हीरा और टेक्सटाइल उद्योग में विरोधाभासी स्थिति, टेक्सटाइल उद्योग में विरोध तो हीरा उद्योग में बढ़ाने की मांग

सूरत : जीएसटी दर को लेकर हीरा और टेक्सटाइल उद्योग में विरोधाभासी स्थिति, टेक्सटाइल उद्योग में विरोध तो हीरा उद्योग में बढ़ाने की मांग

हीरा उद्यमियों की रफ और तैयार हीरे पर 0.25 प्रतिशत जीएसटी बढ़ाकर 1.50 प्रतिशत करने की मांग

पूरे विश्व में डायमंड और सिल्क सिटी के नाम से मशहूर सूरत में हीरा और टेक्सटाइल उद्योग में जीएसटी दर वृद्धि को लेकर विरोधाभासी स्थिति पैदा हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा टेक्सटाइल उद्योग में जीएसटी दर में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने से व्यापारी आंदोलन शुरू करने के मूड में है, जबकि जीजेईपीसी ने हीरा उद्योग में मौजूदा जीएसटी दर बढ़ाने के लिए जीजेईपीसी ने सामने से अगले बजट में प्रावधान करने की मांग की है।
हीरा उद्योग में कच्चे हीरों पर 0.25 प्रतिशत और तैयार हीरों पर 0.25 प्रतिशत की जीएसटी दर है। इसके अलावा हीरा उद्योगपतियों को मिलने वाली सुविधाओं में सर्टिफिकेशन पर 18 फीसदी, बैक सर्विसेज पर 18 फीसदी और लेबर चार्ज पर 5 फीसदी जीएसटी शामिल है।
 इस संबंध में जीजेईपीसी के रिजियोनल चेयरमेन दिनेश नावडिया ने बताया कि हीरा उद्योगपतियों द्वारा विभिन्न सुविधाओं पर भुगतान किया गया जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में वापस किया जाता है। इस तरह हीरा उद्योगपतियों के खाते में बड़ी मात्रा में आईटीसी जमा हो गई है। इस आईटीसी का उपयोग नहीं किया जा सकता है। हीरा उद्योग की ओर से जीजेईपीसी ने कच्चे हीरे और तैयार हीरे दोनों पर मौजूदा जीएसटी दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 1.5 प्रतिशत करने और अगले बजट में प्रावधान करने की मांग की है। ताकि हीरा उद्योगपतियों को आईटीसी जमा की राशि मिल सके।
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