सूरत : यार्न एक्सपो-2021 में केले-मक्के के रेशे से बना फाइबर आकर्षण का केंद्र

सूरत : यार्न एक्सपो-2021 में केले-मक्के के रेशे से बना फाइबर आकर्षण का केंद्र

यार्न एक्सपो के उध्घाटन अवसर पर केन्द्रीय कपडा एवं रेलवे मंत्री दर्शना जरदोष ने कहा टेक्सटाइल वैल्यू चेन में कैसे आगे बढ़ें इस पर मंथन चल रहा है, सरकार हमेशा सूरत के उद्योग के साथ रही है, हमेशा उद्योग के पक्ष में काम किया है

टेक्सटाइल वैल्यू चेन में कैसे आगे बढ़ें इस पर मंथन चल रहा है ,सरकार हमेशा सूरत के उद्योग के साथ रही है, हमेशा उद्योग के पक्ष में काम किया है: दर्शना जरदोश
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट सेंटर के संयुक्त सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर, सरसाना, सूरत में 5 से 6 दिसंबर, 2021 तक  'यार्न एक्सपो-2021' का आयोजन किया है। भारत के टेक्सटाईल और रेलवे राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश के हाथो यार्न एक्सपो का उद्घाटन किया गया।  विशिष्ट अतिथि के रूप में कपड़ा आयुक्त रूप राशी , सूरत की मेयर हेमाली बोघावाला और सूरत नगर निगम के  स्थायी समिति के अध्यक्ष परेश पटेल उपस्थित थे।यार्न एक्सपो में केले और मक्के के रेशा में से बना फायबर यार्न आकर्षण का केन्द्र रहा, प्रदर्शनी के पहले दिन ही देश भर से  आए बायर्स ने एक्सपो में नजर आए। 
चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने एक्सपो के स्वागत उदबोधन में कहा कि समग्र भारत देश की स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में स्वतंत्रता का अमृत उत्सव मना रहा है। चैंबर की स्थापना के 81 साल बीत चुके हैं और उसी के साथ सिंथेटिक यार्न के उत्पादन के भी 80 साल बीत चुके हैं  सूरत का विकास सिंथेटिक यार्न से हुआ है और सिंथेटिक यार्न का विकास भी सूरत के कपड़ा उद्योग के कारण हुआ है। 
यार्न एक्सपो में बांबू से बने कपडे का निरिक्षण करते कपडा मंत्री
भारत कपड़ा व्यापार में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है। दूसरी ओर सूरत एमईजीपीटीए से भारत में कपड़ा निर्माण में अग्रणी है। चीन के बाद सूरत में सबसे अधिक आधुनिक बुनाई इकाइयाँ हैं। भारत हर साल 19 लाख मीट्रिक टन पॉलिएस्टर यार्न का उत्पादन करता है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक सूरत में उपयोग किया जाता है। सूरत में लगभग 90 प्रतिशत नायलॉन और विस्कोस यार्न का उपयोग किया जाता है। सूरत भारत में डेनिम और लिनेन फैब्रिक का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। सूरत लगभग हर प्रकार के सूत के उपयोग में अग्रणी है। सूरत में विभिन्न प्रकार के धागों से कपड़े बनाए जाते हैं।  केले और मकई के रेशों से फाइबर बनता है। इस रेशे से सूत बनाने के अनुसंधान एवं विकास की प्रक्रिया चल रही है। रिसाइकिल की गई प्लास्टीक की बोतलों से बने धागे को भी प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी से सूरत के नीटर्स  और विवर्स को उत्पादन के लिए आवश्यक सभी प्रकार के सूत मिलेंगे। ताकि सूरत के बुनकर नए फैब्रिक का आविष्कार कर सकें और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें।  
केले के छिलके से बने यार्न की जानकारी प्राप्त करते कपडा मंत्री
उद्योगपतियों की समस्या का समाधान सरकार ही करेगी, सरकार द्वारा तीन नीतियों की घोषणा की गईः दर्शना जरदोश ( कपडा एवं रेल राज्य मंत्री ) 
भारत के कपड़ा और रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कहा कि सरकार द्वारा तीन नीतियों की घोषणा की गई है और सबसे बड़ा लाभ सूरत के उद्योगपतिओं को होंगा। फार्म से फाइबर, फाइबर से फेब्रिक, फेब्रिक से फैशन और फैशन से फोरेन में सूरत फाइव एफ की तकनीक में मददगार साबित होने वाला है। उन्होंने सूरत के उद्योगपतियों से पीएलआई योजना से जुड़ने का अनुरोध किया। अगले दो वर्षों के दौरान सरकार की रोडटैप और आरओटीसीएल योजना का लाभ उठाया जाना है। तीसरे साल से सरकारी सब्सिडी मिलेगी। टफ की योजना का सर्वेक्षण कर डाटा तैयार किया गया है। इसके बाद हितधारकों के साथ बैठक की जिसमें केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। लंबे विचार-विमर्श के बाद लिए गए निर्णय के अनुसार उद्योगपतियों के टफ की सब्सिडी जारी की जाएगी। 
कपड़ा उद्योग में जीएसटी कर की दर में बदलाव से उद्योगपतियों की समस्या का समाधान सरकार ही करेगी। टेक्सटाइल वैल्यू चेन को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर मंथन चल रहा है। सरकार हमेशा सूरत की इंडस्ट्री के साथ रही है। हमेशा इंडस्ट्री के पक्ष में काम किया और आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने उद्योगपतियों को कपड़ा मूल्य श्रृंखला में एक-दूसरे की मदद करने की सलाह दी क्योंकि सूरत का हर उद्योग मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने बुलेट ट्रेन, वंदे भारत ट्रेन और देश में बन रहे 75 नए रेलवे स्टेशनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सूरत से केन्द्रीय मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, राज्य सरकार में चार -चार मंत्री सूरत का स्वर्णिम काल है और सरकार उद्योगपतियों के साथ है।  
विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए डेटा की आवश्यकता होती हैः रुप राशी ( कपडा आयुक्त )
देश के कपड़ा आयुक्त रूप राशी ने कहा कि यार्न एक्सपो में उन्हें विभिन्न प्रकार के यार्न और इसकी गुणवत्ता के बारे में पता चला। इस धागे को लोगों तक पहुंचाने का अहम काम एक्सपो के जरिए किया जा रहा है, जो बहुत अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि उद्योग के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए डेटा की आवश्यकता होती है। इसलिए उन्होंने उद्योगपतियों से उद्योग के आंकड़े उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
 चैंबर के यार्न एक्सपो को कपड़ा उद्योग में 730 करोड़ रुपये लाने का श्रेयः परेश पटेल ( स्थायी समिति अध्यक्ष )
सूरत नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व चेम्बर अध्यक्ष  परेश पटेल ने कहा कि दो साल पहले चैंबर द्वारा आयोजित यार्न एक्सपो के दूसरे संस्करण में नए धागे की खोज की गई थी। इस सूत का नाम विचित्र सूत है। यह धागा पिछले दो साल से चल रहा है। पिछले दो साल से इस धागे से रोजाना 50 लाख मीटर कपड़ा बनाया जा चुका है। इस सूत से बने कपड़े की कीमत 20 रुपये यानी रोजाना 10 करोड़ रुपये। एक साल की बात करें तो चैंबर के यार्न एक्सपो को कपड़ा उद्योग में 730 करोड़ रुपये लाने का श्रेय दिया जाता है। अंत में उन्होंने उद्योगपतियों को सूरत शहर को और अधिक सूत उपलब्ध कराने के प्रयास करने का सुझाव दिया। यार्न की वजह से बुनाई उद्योग तेजी से बढ़ेगा। उन्होंने उद्योगपतियों से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का आग्रह किया। 
यार्न एक्सपो को देखने के लिए पहले दिन ही देशभर से खरीदार उमड़ पड़े
यार्न एक्सपो-2021 में सूरत समेत दक्षिण गुजरात से ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से खरीदार और आगंतुक आ रहे हैं। इचलकरंजी, सेलवास, नंदुरबार, नासिक, सलेम, वाराणसी, भिवंडी, कोडिनार, तिरुपुर, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, कोलंबो, इरोड और लुधियाना के खरीदारों के यार्न प्रदर्शन पर हैं।

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