गुलाम नबी आजाद द्वारा PM नरेन्द्र मोदी की तारीफ के बाद राजनीतिक हलकों में अटकलबाजी

गुलाम नबी आजाद द्वारा PM नरेन्द्र मोदी की तारीफ के बाद राजनीतिक हलकों में अटकलबाजी

कांग्रेस के जी-२३ ग्रुप के नेताओं की बैठक के अगले ही दिन आजाद द्वारा पीएम मोदी का गुणगान, कहा - नरेन्द्र मोदी अपने अंदर के इंसान को छुपाते नहीं!

जम्मू, 28 फरवरी (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को जम्मू में गुर्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के कुछ नेताओं की उपस्थिति में गुर्जर समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी अपनी विनम्र पृष्ठभूमि और इस तथ्य को छिपाते नहीं हैं कि वह एक गांव से आते हैं। शनिवार को जी-23 कांग्रेस के कुछ नेताओं ने, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था, जम्मू में एक सभा में आजाद की प्रशंसा की और कहा कि वे महात्मा गांधी की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

नरेन्द्र मोदी अपने अंदर के इंसान को छुपाते नहीं!

आजाद ने कहा कि मोदी के साथ उनके राजनैतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वह इस बात की सराहना करते हैं कि वह अपने अंदर के इंसान को छिपाते नहीं हैं। जो छिपाते हैं वे एक कृत्रिम दुनिया में रह रहे होते हैं। आजाद ने कहा कि "मुझे कई नेताओं के बारे में बहुत सी बातें पसंद हैं। मैं एक गांव से हूं और मुझे उस पर गर्व है। हमारे पीएम जो चाय बेचते थे, वह भी एक गांव से आते हैं। मेरे साथ उनके राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वह अपने अंदर के इंसान को नहीं छिपाते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि "जो लोग ऐसा करते हैं, वे एक कृत्रिम दुनिया में रह रहे हैं। मैंने दुनियाभर में यात्रा की है और पांच और सात सितारा होटलों में रहा हूं। लेकिन, जब मैं अपने गांव के लोगों के साथ बैठता हूं, तो एक खुशबू होती है जो एक अलग अहसास देती है।"

राजनीतिक गलियारों में लगने लगे कयास

गुलाम नबी आजाद द्वारा पीएम नरेन्द्र मोदी की तारीफ में कहे गये ये शब्द कांग्रेस के जी-२३ ग्रुप के नेताओं की हुई बैठक के एक दिन बाद ही सामने आये हैं। बता दें कि इससे पहले आजाद के राज्यसभा से निवृत्त होने के समय अपने भाषण में मोदी ने आजाद के बखान किये थे और इस दौरान उनकी आंखें भी नम हो गई थीं। तब से ही राजनीतिक हलकों में चर्चा होने लगी थी कि आजाद का भाजपा के प्रति रूख नर्म हो रहा है और कहीं वे पाला न बदल लें। हालांकि उसके बाद आजाद से स्पष्ट किया था कि वे भाजपा में तब ही शामिल होंगे जब कश्मीर में काली  बर्फ गिरेगी। यानि उन्होंने परोक्ष रूप से भाजपा के शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया। लेकिन अब आजाद के आज के ताजा बयान के बाद एक बार फिर राजनीतिक हलकों में कई प्रकार के कयास लगने शुरु हो गये हैं। सोशल मीडिया पर तो लोग ये तक अटकलें लगा रहे हैं कि कहीं आजाद साहब को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल तो नहीं बना दिया जायेगा!