राजकोट : प्रेमी के साथ मिलकर बेटी की नृशंस हत्या करने वाली मां को मिली ये सज़ा

माता और उसके प्रेमी के अवैध संबंध को नहीं स्वीकार करने पर माता ने खुद की ही बेटी को मारने का बनाया था प्लान

शादी के बाद के अवैध संबंधों के परिणाम हमेशा खौफनाक ही आते है। 2018 में सुरेंद्रनगर जिले के एक गाँव में एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहाँ अपने नाजायज रिश्ते पर आपत्ति जताने के लिए एक महिला और उसके प्रेमी ने मिलकर महिला के 17 वर्षीय बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस मामले में इन आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसएम राजपुरोहित की बेंच ने बुधवार को अपनी 17 साल की बेटी सोनल की हत्या के लिए कंकू कोली (38) और उसके प्रेमी उमंग ठक्कर को मृत्युदंड की सजा दी है।
जानकारी के अनुसार कंकू और सोनल जीवनयापन के लिए लोगों के घरों में काम करते थे। कंकू ठक्कर नाम के एक व्यकित के घर पर भी काम करने जाती थी। जहां ठक्कर और कंकु को एक दूसरे से प्यार हो गया। अविवाहित ठक्कर की एक किराने की दुकान थी। जब सोनल को अपनी माँ के अफेयर के बारे में पता चला, तो उसने अपनी मां को सुनाया और उन्हें बेनकाब करने की धमकी दी। कंकू ने उसे ऐसा न करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन सोनल ने मना कर दिया। इसके बाद दोनों प्रेमियों ने सोनल को मारने की योजना बनाई।
अपनी योजना के अनुसार, 11 जुलाई, 2018 को कंकू ने सोनल से ठक्कर के घर के कामों को पूरा करने में मदद करने  को कहा। हालांकि सोनल ऐसा नहीं करना चाहती थी लेकिन कंकू के कहने पर उसे राजी होना पड़ा। इसके बाद जब दोनों ठक्कर के घर पहुँचे तो ठक्कर ने दरवाजा बंद कर दिया और सोनल को समझाने के प्रयास करने लगे। इसके बाद भी जब सोनल अपने बात पर कायम रही तो आपा खोते हुए ठक्कर ने चाकू निकाला और सोनल के पेट में पांच बार और गर्दन में एक बार वार किया।
इससे सोनल की मौके पर ही मौत हो जाने के बाद ठक्कर वहां से भाग गया, लेकिन कंकु शव के पास ही बैठी रही। मामले की जानकारी मिलने के बाद सोनल के चाचा विष्णु कोली ने झिनझुवाड़ा पुलिस स्टेशन में कंकु और ठक्कर के नाम एक शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कुछ दिनों बाद मोरबी जिले के मालिया शहर से ठक्कर को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस अपराध के कोई चश्मदीद गवाह नहीं थे, इसलिए अदालत ने पुलिस जाँच और गांववालों के बयान के आधार पर दोनों अपराधियों को सजा सुनाया।