दर्द से तड़प रही थी गर्भवती महिला, डॉक्टर ने गोद में उठा कर पहुंचाया इमर्जंसी वोर्ड में

दर्द से तड़प रही थी गर्भवती महिला, डॉक्टर ने गोद में उठा कर पहुंचाया इमर्जंसी वोर्ड में

आठ महीने की गर्भवती थी महिला, अंदर ले जाने के लिए नहीं था एक भी स्ट्रेचर खाली तो डॉक्टर ने खुद उठाया

हरियाणा के जिंद जिले में से मानवता का परिचय करवाती हुई एक घटना सामने आई है। जहां पीड़ा से तड़प रही महिला को खुद सिविल सर्जन डॉक्टर ने अस्पताल में स्ट्रेचर के खाली ना होने के कारण गोद में उठा कर इमर्जंसी वोर्ड में पहुंचाया था। इस दौरान उन्हों ने कोरोना संक्रमण की भी चिंता नहीं की थी। हालांकि एनीमियाग्रस्त महिला ने आखिर में अपना दम तोड़ दिया था। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, मूल रूप से उत्तरप्रदेश के बांदा की रहने वाली सोनिया अपने पति के साथ ईंट की भट्ठी में काम करती थी। सोनिया आठ महीने से गर्भवती थी। सोमवार अचानक ही महिला की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके चलते वह उसे लेकर अस्पताल आया था। हालांकि इस दौरान अस्पताल में सभी स्ट्रेचर कही और व्यस्त थे। सब स्ट्रेचर ढूंढ ही रहे थे तभी डॉक्टर रमेश पांचाल ने उसकी गंभीरता को देखते हुये उसे गोद में उठाकर इमर्जंसी वोर्ड में ले गए थे। हालांकि अंत में उसकी जान नहीं बच पाई थी। 
अस्पताल के आरएमओ डॉक्टर गोपाल गोयल ने बताया की महिला को खून की कमी थी और इसके चलते पिछले दिनों ही उसे रोहतक के एक अस्पताल में भर्ती भी किया गया था। हालांकि वहाँ बिना पूरे इलाज के वह उसे पहले ही ले गए थे। सोमवार को अचानक ही महिला की तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते उसका पति उसे अस्पताल में ले आया था। स्ट्रेचर न मिलने के सवाल पर डॉ. गोपाल ने कहा कि अस्पताल में 110 से भी अधिक कोरोना मरीज दाखिल है। जिस समय महिला आई उस समय स्ट्रेचर अन्य वोर्ड में थे। 
डॉक्टर रमेश पांचाल के इस काम कि प्रशंसा करते हुये कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने ट्वीट करते हुये कहा कि सेल्यूट सर आपको, कौन कहता है इंसानियत मर गई है?
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