एप बेज्ड सर्विस प्रोवाइडर को प्रीमियम केटेगरी सर्विस के तहत लगाया गया जीएसटी
कुछ ही दिनों में नया साल आने वाला है। आने वाला नया साल भी मानो आम आदमी के लिए महंगाई लेकर आ रही है। एक जनवरी से कई तरह की चीजों और सेवाओं पर टैक्स बढ्ने जा रहा है। अब तक टैक्स के दायरे से बाहर रही कई चीजों को अब टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत ओला और उबर जैसी एप आधारित सर्विस प्रोवाइडर की सेवा भी अब महंगी होने जा रही है।
जीएसटी काउंसिल की पिछली मीटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे। जिसके अंतर्गत 1000 रुपए से कम के तैयार कपड़े और जूतों पर 5 की जगह 12 प्रतिशत जीएसटी करना तथा एप बेज्ड सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से बुक हुये ऑटो के किराये पर भी जीएसटी लगाने का निर्णय शामिल था। विशेषज्ञों के अनुसार, अब तक मात्र रेडियो टॅक्सी ही जीएसटी के दायरे में आते थे। हालांकि अब ओला और उबर जैसी सर्विस कैब भी इसके दायरे में आ जाएँगे।
हालांकि जीएसटी काउंसिल के इस निर्णय के कारण सामान्य ऑटो के किराये पर कोई भी असर नहीं होगी। इसे अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर रखा आज्ञा है। सरकार एप से ऑटो बुक करने की सेवा को प्रीमियम केटेगरी का माना जाता है, इसके चलते ही ऐसी सर्विस को जीएसटी के दायरे में लाया गया है।