केंद्र सरकार की नई स्क्रेप पॉलिसी; 1 अप्रैल से देशभर में वाहनों की री-पासींग फीस में होगा इजाफा

केंद्र सरकार की नई स्क्रेप पॉलिसी; 1 अप्रैल से देशभर में वाहनों की री-पासींग फीस में होगा इजाफा

केंद्र सरकार द्वारा पर्यावरण में से प्रदूषण कम करने के मुख्य उद्देश्य से स्क्रेप पॉलिसी घोषित की गई थी। इसके अनुसार साल 2006 से पहले की सभी गाड़ियों को फिर से पासींग प्रक्रिया में से गुजरने कहा गया था। जिसमें फिटनेस पास हो जाने वाली गाड़ियों को अगले पाँच सालों के लिए री-पासींग दिया जाता। केंद्र सरकार की स्क्रेप पॉलिसी के बाद कुछ चार्ज देकर गाड़ियों का री-पासींग करवाया जा रहा था। हालांकि 1 अप्रैल से इन री-पासींग फीस में इजाफा होने जा रहा है। 
नई कीमतों के अनुसार री-पासींग फीस में 233 से लेकर 940 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है। अब तक बाइक के लिए री-पासींग फीस जहां 300 रुपये थी, वह अब बढ़ाकर 100 रुपये कर दी गई है। इसका अर्थात इसमें पूरे 233 प्रतिशत इजाफा किया गया था। इसके अलावा कार की री-पासींग फीस जो की 600 रुपये थी वह अब 733 प्रतिशत बढ़ाकर 5000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा ट्रक की री-पासींग फीस में 940 प्रतिशत का इजाफा कर के उसे 1200 से बढ़ाकर 12500 कर दिया गया है।
इसके अलावा वाहन पासींग के 15 साल पूर्ण होने के बाद यदि वाहनचालक री-पासींग करने में विलंब होगा तो हर दिन 50 रुपए का दंड किया जाएगा। बता दे की करशियल गाड़ियों के लिए साल 2023 और निजी वाहनों के लिए 2024 से स्क्रेप पॉलिसी लागू की जाएगी। बता दें की री-पासींग के लिए जरूरी फिटनेस टेस्ट पास करने के लिए गाड़ी की आरसी बुक, बीमा पॉलिसी, पीयूसी तथा कमर्शियल गाड़ियों को उनकी परमिट भी ले जाने रहेंगे। नई स्क्रेप पॉलिसी के अनुसार वाहन चालक द्वारा नई गाड़ी खरीदे जाने के बाद उसे मात्र दो पार ही री-पासींग करवाने का मौका मिलेगा।