जानें मोरबी के सिरामिक उद्योग ने गुजरात गैस की महंगी आपूर्ति का क्या तोड़ निकाला

जानें मोरबी के सिरामिक उद्योग ने गुजरात गैस की महंगी आपूर्ति का क्या तोड़ निकाला

पिछले काफी समय से मोरबी का सिरामिक उद्योग बढ़ते हुये गैस की कीमतों से परेशान है। ऐसे में गुजरात गैस की बढ़ती कीमतों के स्थान पर सिरामिक उद्योग द्वारा सिंगापोर से गैस की आयात करने का विचार कर रही है। इसके लिए सिंगापोर की कंपनी के साथ पहले दौर की मीटिंग भी की जा चुकी है। जबकि दूसरे दौर की मीटिंग 10 दिनों के बाद देखी जा सकेगी।
बता दें कि मोरबी का सिरामिक उद्योग गैस में हो रहे लगातार प्राइस हाइक के बीच अपना अस्तित्व बचाने के लिए प्रयास कर रहा है। गुजरात गैस के स्वरूप में पूरे इलाके में गैस कंपनी का एकाधिकार है, जिसके चलते कीमतों में कई बार इजाफे के स्वरूप में उसकी भारी खर्च करना पड़ता है। जिसके चलते व्यापारियों ने महंगी आपूर्ति का तोड़ निकालने के लिए सिंगापोर कि एक कंपनी से बातचीत की है। गुजरात गैस जहां 62 रुपए प्रति यूनिट की कीमत ले रही है तो वहीं बाहर से मिलने वाला गैस उससे तकरीबन 14 रुपये कम कीमत में मिल रहा है। 
बता दें की मोरबी के सिरामिक उद्योग की गैस की दैनिक जरूरत 80 लाख क्यूबिक मीटर है। ऐसे में व्यापारियों का तकरीबन 30 प्रतिशत कैपिटल महंगे गैस का भुगतान करने में हो जाता है। जिसका विकल्प ढूँढने पर सिंगापोर की गेस सप्लायर कंपनी ओमान से बड़े पैमाने पर गैस देने के लिए तैयार हो गई है। उद्योग के अग्रणी मुकेशभाई कुंडारिया ने बताया कि कंपनी के अधिकारी प्राथमिक सर्वे कर के गए है और पहले दौर कि मीटिंग भी हो गई है। कंपनी द्वारा सबसे पहले तो लिक्विड फॉर्म में गैस मोरबी पहुंचाया जाएगा। जहां रिगेसिफिकेशन प्लांट बना कर उसका फिर से गेस स्वरूप में इस्तेमाल किया जाएगा। कंपनी द्वारा पहले एक साल तक एग्रीमंट किया जाएगा। जो कि बाद में धीरेधीरे बढ़ाया जाएगा।