21 जून : आज है साल का सबसे बड़ा दिन, आज आपकी परछाई भी छोड़ देगी आपका साथ

21 जून : आज है साल का सबसे बड़ा दिन, आज आपकी परछाई भी छोड़ देगी आपका साथ

आज के दिन के बाद से दिन धीरे-धीरे छोटे और रातें लंबी होती जाएंगी, इस दिन के विशेष महत्त्व को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था जिसे दुनिया के तमाम देशों ने माना है

साल में 365 दिन होते हैं, हालांकि ये दिन एक जैसे नहीं होते हैं। कभी दिन छोटे तो कभी रात छोटी होती है। कभी रात लंबी तो कभी दिन लंबे होते हैं। इसी तरह आज यानी 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन बताया गया है। आज के दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है। आज सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है। जिससे सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा समय तक पड़ती हैं। ऐसे में सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ती हैं। जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है। खास बात ये है कि आज के दिन ऐसा पल ऐसा भी आता है जब आपकी परछाई साथ छोड़ देती है। दरअसल जब सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है, उस वक्त परछाई कुछ पल के लिए साथ छोड़ देती है। इस दौरान घबराना नहीं चाहिए। यह पृथ्वी की एक सामान्य प्रक्रिया है।
आपको बता दें कि कल यानी 22 जून के बाद से दिन और सेकण्ड के अंतर के अनुसार दिन धीरे-धीरे छोटे और रातें लंबी होती जाएंगी। भारत में सूर्योदय-सूर्यास्त के अनुसार अलग-अलग जगहों पर दिन-रात बदलाव सेकंड-मिनट के अंतर के साथ देखने को मिलेगा। आज के बाद सूर्य दक्षिण की ओर मुड़ जाता है, इसलिए इसे दक्षिणायन कहा जाता है। दिन और रात की लंबाई चंद्रमा की गति की दिशा और सूर्य की ओर पृथ्वी के झुकाव और सूर्य के घूमने की गति जैसे कारकों पर निर्भर करती है। पूरे उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है। दक्षिणी गोलार्ध न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और फिजी जैसे देशों में सबसे लंबी रातों का अनुभव करेगा। 14 जनवरी को सूर्य उत्तर की ओर मुड़ जाता है। इसलिए इसे उत्तरायण कहा जाता है। इसी तरह 21 जून के बाद सूर्य दक्षिण की ओर मुड़ जाता है इसलिए इसे दक्षिण कहा जाता है।
गौरतलब है कि आज से आठ साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशेष दिन को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए इस दिन विश्व योग दीवान मनाने का प्रस्ताव दिया। भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है। इसी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा। 
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