निष्ठुर नियति : एक ही साल में परिवार के 6 सदस्यों की हुई मौत

निष्ठुर नियति : एक ही साल में परिवार के 6 सदस्यों की हुई मौत

एक के बाद एक स्वजनों की मृत्यु से टूटा परिवार, चार सदस्य हुये कोरोना का शिकार

व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख तो आते ही रहते है। सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख यही जीवन का नियम है। पर राजकोट के इस परिवार से मानो नियति ने अपना मुंह ही मोड लिया हो ऐसा मालूम पड़ता है। राजकोट के भायाणी परिवार के साथ जो हुया यदि आप उसे सुनोगें तो आपकी भी आंखो में से आँसू निकल आएंगे। भायाणी परिवार के साथ कुदरत ने ऐसी निष्ठुरता दिखाई के एक ही साल में परिवार के 6 लोगों को अपने धाम बुला लिया। इन चार लोगों में से 2 लोगों की मौत बीमारी से जबकि 4 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी। 
मूल कालावड़ तहसील के खड़घोरजी गाँव के रहने वाले भायाणी परिवार धंधे के लिए राजकोट शिफ्ट हुआ था। घर के मुखिया और ब्यूटी पार्लर का काम करने वाले 58 वर्षीय किशोरभाई भायाणी का सवा साल पहले 30 जनवरी 2020 को कैंसर की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। इसके कुछ समय बाद ही घर की बुजुर्ग जयवंता बेन भायाणी का भी 80 साल की उम्र में भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। हालांकि कुदरत की परीक्षा यही नहीं रुकी थी। जयवंता बेन के जाने के 12 दिन बाद ही परिवार के दूसरे मुखिया 54 वर्षीय उमेदभाई कोरोना का शिकार हो गए थे। 
इसके बाद भी कुदरत की क्रूरता नहीं रुकी थी। 6 दिन के बाद ही किशोरभाई की 57 वर्षीय पत्नी गीताबेन और गीताबेन के 5 दिन के बाद 34 वर्षीय बेटी स्वाति को भी कोरोना के काल ने अपना आहार बना लिया था। परिवार के पाँच सदस्यों की एक के बाद एक मृत्यु के चलते भायाणी परिवार पूरी तरह टूट चुका था। किसी तरह परिवार इस आघात में से बाहर आने का प्रयास कर रहा था, तभी कुदरत का कहर फिर एक बार परिवार पर बरपा था। इस बार उसका शिकार हुये परिवार के एक मात्र बचे हुए पुरुष जीतेन भायाणी। जिन्हें भी कोरोना ने अपना शिकार बना लिया। अपने पीछे जीतें अपनी पत्नी, दो साल के बेटे और एक छोटी बहन को रोता हुआ छोडकर चले गए है। 
एक के बाद एक 6 सदस्य परिवार में से विदाई लेकर चले जाने के बाद अन्य सदस्यों पर मानो आसमान गिर गया है। भायाणी परिवार के साथ हुये कुदरत के इस निष्ठुर वर्तन को सुनकर ही पाषाण दिल के आदमी भी रोने लग रहे है।