यह कैसी करुणान्तिका : जिस बालक को 9 महीने गर्भ में पाला, उसके स्पर्श के पहले ही कोरोना ने ले ली माता की जान

यह कैसी करुणान्तिका : जिस बालक को 9 महीने गर्भ में पाला, उसके स्पर्श के पहले ही कोरोना ने ले ली माता की जान

एक अन्य मामले में बेटे को जन्म देते ही मृत्यु को प्राप्त हुई महिला

देश भर में कोरोना के कारण कई परिवार उजड़ गए है। देश की हर गलियारों में किसी न किसी के करून आक्रंद की ध्वनि सुनाई दे रही है। कोरोना के कारण हर किसी ने कई लोगों ने अपने परिजनों और स्वजनों को खोया है। हालांकि भरूच के इस 10 दिन के बालक के साथ जो हुआ वह कोई सोच भी नहीं सकता। जन्म के समय से अपनी माता के स्पर्श दूर रहे इस बालक ने कोरोना के कारण अपनी माता को हमेशा के लिए खो दिया। इस दुखद घटना को सुनने के बाद सभी की आंखे नं हो गई है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, भरूच की रहने वाली 27 वर्षीय भद्रिषाबेन जब गर्भवती थे, तब उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ। अपनी संक्रमित अवस्था में ही उन्होंने 10 दिन पहले अपने पुत्र को जन्म दिया था। जन्म के बाद माता के कारण पुत्र संक्रमित ना हो इस लिए उसे माता से दूर रखा गया था। 10 दिन से माता और संतान दोनों एकदूसरे के स्पर्श के लिए तरस गए थे। परिवार के अन्य सदस्य भी भद्रिषा बेन के जल्द से जल्द ठीक होने की आशा कर रहे थे, जिससे की वह दोनों को एक साथ घर ले जा सके। 
पर विधाता को मानो कुछ और ही मंजुर था, 10 वें दिन अचानक भद्रिषा बेन की तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने उनको बचाने के लिए सभी प्रयास किया पर उन्हें बचा नहीं सके। जिस बालक को स्पर्श करने के लिए माता ने 9 महीने उसे अपने गर्भ में पाला उसे स्पर्श करना भी उनके नसीब में नहीं था। 
कुछ ऐसा ही हुआ दांतिवाड़ा तहसील की एक कन्या के साथ, जिसकी शादी परिवार ने राजस्थान के हड़मतिया गाँव में की गई थी। सरोजकुँवर नाम की इस महिला को गर्भावस्था के दौरान कोरोना का संक्रमण हुआ था। जिसके चलते उसे धारपुर सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां सरोज ने बेहोश हालतमें ही बेटे को जन्म दिया था। होश में आने के बाद "बेटा हुआ है", बस इतना ही सुनते सरोजकुँवर ने अपनी आखिरी सांस ली थी। जिसके चलते पुत्र ने जन्म के साथ ही अपनी माता की छत्रछाया गंवा दी थी। 
फिलहाल बालक को धारपुर अस्पताल में निरीक्षण में रखा गया है। बालक को केर सेंटर में रखा गया है और उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया गया है। टेस्ट का रिजल्ट आने के बाद बालक को परिवार को सौंपा जाएगा।