गुजरात में ड्रग जब्ती के अभियान पर हार्दिक पटेल का पार्टी लाइन से अलग राग

गुजरात में ड्रग जब्ती के अभियान पर हार्दिक पटेल का पार्टी लाइन से अलग राग

जहां कांग्रेस प्रदेश में लगातार ड्रग्स की बरामदगी पर सरकार की आलोचना का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है, वहीं हार्दिक पटेल ने जांच एजेंसियों की तारीफ की

गुजरात के विभिन्न इलाकों से पिछले कुछ महीनों में नशीले पदार्थों के खिलाफ प्रदेश की जांच एजेंसियों का कड़ा अभियान चल रहा है। करोड़ों रुपयों की ड्रग्स बरामद की जा रही है। इस मुद्दे पर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार को घेरने का कोई प्रयास नहीं छोड़ा है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल लगता है पार्टी लाइन से अलग ही राग अलाप रहे हैं।
हार्दिक पटेल ने शनिवार को सोशल मीडिया पर अपना एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि पिछले कुछ दिनों में गुजरात के विभिन्न भूमिगत एवं समुद्री सीमावर्ती क्षेत्रों से नशीले पदार्थ बरामद किए जा रहे हैं, इसमें स्थानीय जांच एजेंसियों का काम काबिले तारीफ है। यह नशीले पदार्थ जनता तक नहीं पहुंच पा रहे, यह अच्छी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी नशीले पदार्थों की गिरफ्त में ना आए इसके लिए समाज की भी उतनी ही जिम्मेदारी है। अपने बयान में हार्दिक पटेल ने पंजाब के युवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वे जब पंजाब में चुनाव प्रचार के लिए गए थे, तब उन्होंने नजदीक से देखा था कि किस प्रकार नशीले पदार्थों के सेवन के कारण कई परिवार उजड़ चुके हैं।
यहां सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि हार्दिक पटेल ने सोशल मीडिया पर एक लिखित बयान जारी किया है। वह न हीं उनके व्यक्तिगत या कांग्रेस पार्टी के लेटर पैड पर है। उन्होंने सफेद कागज पर अंग्रेजी में लिखा हुआ बयान साझा किया है। जानकार हार्दिक पटेल के इस तरह बयान देने के तरीके को एक तरह से कांग्रेस के प्रति उनकी चली आ रही नाराजगी को कायम रखना बता रहे हैं। 
आपको बता दें कि पिछले लंबे समय से हार्दिक पटेल कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय एवं प्रादेशिक नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। वह आला नेतृत्व से असंतुष्ट दिख रहे हैं और समय-समय पर अपनी बात उठा रहे हैं। शुक्रवार को हार्दिक पटेल के पिता की प्रथम प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर उनके गृह क्षेत्र में धार्मिक कार्यक्रम भी हुआ था जिसमें प्रदेश के सभी आला नेता उपस्थित रहे थे। उस वक्त हार्दिक पटेल ने एक बयान में कहा था कि वह पार्टी के अंदर उनकी नाराजगी का समाधान बातचीत से कर लेंगे। लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि हार्दिक पटेल के राजनीतिक रिश्ते अपनी ही पार्टी के नेताओं से फिलहाल सामान्य हुए हों। प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर रहते हुए भी यदि कोई सार्वजनिक बयान दिया जाता है और वह अपनी पार्टी के लेटर पैड पर ना हो या फिर पार्टी का किसी मुद्दे पर जो रूख चला रहा हो, उसके खिलाफ हो तो राजनीतिक पंडितों का कयास लगाना तो बनता ही है। देखना होगा कि आगामी चंद महीनों मे जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, तब तक हार्दिक पटेल कांग्रेस के प्रति अपनी नराजगी दूर कर लेते हैं या कुछ नया राजनीतिक घटनाक्रम बनता है।