गुजरात : "दिव्यांग" से सर्वांग" बनाने के लिए किये जा रहे कार्य से बड़ी मानवता की कोई सेवा नहीं हो सकती : राज्यपाल आचार्य देवव्रत

गुजरात :

"एक कदम दिव्यांग सेवा की ओर " कार्यक्रम के माध्यम से मानवता के मूल्यों को जीवित रखने के लिए अभिनव कार्य किया गया

 विश्व दिव्यांग दिवस पर स्वामीनारायण गोकुल धाम - वड़ताल धाम के प्रांगण में नार द्वारा वडताल धाम में राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी एवं  1008 आचार्य राकेश प्रसाद जी महाराज की उपस्थिति में "एक कदम दिव्यांग सेवा की ओर" कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने वड़ताल धाम परिसर में आयोजित दिव्यांगजनों की सेवा के लिए किये जा रहे यज्ञ कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वामीनारायण सम्प्रदाय द्वारा सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय के लिए कार्य किया जा रहा है। इस संप्रदाय के संत जल संरक्षण, गौ माता की सेवा, शिक्षा के लिए गुरुकुल की स्थापना सहित विभिन्न सेवा परियोजनाओं के माध्यम से समाज सेवा का संनिष्ठ कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने विकलांगों को "दिव्यांग" से सर्वांग" बनाने के लिए विश्व विकलांगता दिवस पर आयोजित " एक कदम दिव्यांग सेवा की ओर" कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि  मानवता की इससे बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती। आज मानवता के मूल्यों को जीवंत रखने का अभिनव कार्य हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इस सेवा कार्य के माध्यम से संतों ने समाज के लिए अमूल्य योगदान। दूसरे के दुःख दर्द को समझकर उसे दूर करने का कार्य यहां के संतों ने किया है। यह ‌चिंतन ही हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है।
देशी गाय आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाकर ग्लोबल वार्मिंग संकट से लड़ें 
राज्यपाल ने गाय आधारित प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए कहा कि हम सभी ने प्रकृति का दोहन किया है, जिससे आज जल और वायु प्रदूषण बढ़ गया है। ऐसे समय में हम सभी को मानव कल्याण के विविध प्रकल्पों के साथ प्राकृतिक खेती के कार्य को भी प्रधानता देकर समग्र विश्व के सामने सर्जित जलवायु परिवर्तन के संकट से लड़ना होगा। 
लॉकडाउन के दौरान हवा और पानी स्वच्छ हुआ था, उस समय प्रकृति को उसके मूल स्वरूप को हम सभी ने देखा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि-भोजन को जीवन व्यवहार में अपनाकर, देशी गाय आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाकर  भूमि-जल को विनाश से बचाकर मानव जाति के स्वास्थ्य के संरक्षण के कार्य में भाग लेने का अनुरोध किया। उन्होंने स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों से समाज सेवा के कार्य के साथ-साथ प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने का कार्य करने का भी आह्वान किया।
राज्यपाल के हाथों 22 दिव्यांगजनों  को 'भारत दिव्यांग रत्न' पुरस्कार, सम्मान पत्र देकर किया सम्मानित
इस अवसर पर प.पू. 1008 आचार्य राकेश प्रसाद महाराज ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि वड़ताल धाम द्वारा दिव्यांगजनों के लिए उच्च गुणवत्तायुक्त सेवा के साथ मानव कल्याण कार्य किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पंथ सहजानंद स्वामी की समाज सेवा का अनुसरण कर रहा है , इस सेवा कार्य से दिव्यांगजन आत्मनिर्भर बनेंगे। इस कार्यक्रम में स्वामी सर्वश्री नौतम स्वामी, देव प्रकाश स्वामी, माधव प्रियदासजी और ज्ञानजीवन स्वामी ने आशीर्वाद दिया। अंत में संत स्वामी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
 विश्व दिव्यांगता दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 700 दिव्यागों को हाइटेक कृत्रिम उपकरण अर्पण किए गए। इस अवसर पर राज्यपाल के साथ-साथ संतों-महंतों और गणमान्य व्यक्तियों ने 22 दिव्यांगजनों को 'भारत दिव्यांग रत्न' सम्मान-मानद प्रमाण पत्र प्रदान किया। जबकि दाताश्री शैलेशभाई पटेल को राज्यपाल ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। राज्यपाल द्वारा "हाथ जाल्यो तो लीधा उगारी" पुस्तक का विमोचन किया गया।
उल्लेखनीय है कि "एक कदम दिव्यांग सेवा की ओर" कार्यक्रम के माध्यम से एक ही स्थान से 700 दिव्यांगजनों की सेवा के लिए आयोजित इस यज्ञ कार्य को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स - लंदन द्वारा दर्ज किया गया था। इसके अलावा, वर्ल्ड टैलेंट ऑफ एक्सीलेंस - यूएसए द्वारा भी नोट किया गया था। इस कार्यक्रम में विधानसभा के मुख्य दंडक  पंकजभाई देसाई, आणंद के सांसद मितेशभाई पटेल, अग्रणी भार्गवभाई, जिला कलेक्टर  के. एल बचानी, जिला विकास अधिकारी मेहुलभाई दवे, प्रभारी पुलिस अधीक्षक  अर्पिता पटेल, रेजिडेंट अपर कलेक्टर  बी. एस. पटेल, दानदाता, वड़ताल संस्था-मंदिर के संत-महंत, सत्संगी एवं लाभार्थी दिव्यांगजन उपस्थित थे।
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