गुजरात : अप्रैल महिना कठिन, मई से कम हो सकते हैं कोरोना के मामले

गुजरात : अप्रैल महिना कठिन, मई से कम हो सकते हैं कोरोना के मामले

मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन ही एकमात्र उपाय, वैक्सिनेशन से कंट्रोल होगी बीमारी

राज्य सहित देश भर में जहां कोरोना के केसों ने कोहराम मचा के रखा है। उसी के बीच में विशेषज्ञों द्वारा कुछ अच्छी खबर सामने आई है। विशेषज्ञों ने आशा व्यक्त की है कि देश भर में सभी को मात्र अप्रैल महीने में अधिक से अधिक सावधानी रखनी है, जिसके बाद मई के अंत तक संक्रमण काफी कम हो जाएगा। 
गुजरात के मशहूर डॉक्टरों का मानना है कि वैक्सीनेशन, मास्क और सामाजिक दूरी ही कोरोना को दूर रखने के उपाय है। सभी को मास्क पहनकर कोविड की गाइडलाइन का कड़े तौर पर पालन करना है। 
सरकार और मेडिकल क्षेत्र से जुड़े कई लोगों के संशोधन के अनुसार, गुजरात सहित पूरे देश में अप्रैल महिना काफी कठिन है। अप्रतिल के अंत में कोरोना के संक्रामण के केस कम होने की शुरुआत होगी। इसके बाद मई के महीने में केसों में भारी गिरावट देखी जाएगी। देश के मशहूर डोकटरों के संशोधन के अनुसार, कोरोना संक्रामण का यह नया वेरिएंट यूके बेस्ड वेरिएंट है। अहमदाबाद के हार्ट सर्जन डॉ. तेजस पटेल ने गांधीनगर में मीडिया के साथ अपनी बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण अभी कुछ समय तक बढ़ेगा। पर इसके बाद धीरे धीरे वह कम होने लगेगा। 
इसके अलावा उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की सहायता से ही केसों की संख्या मे नियंत्रण लाया जा सकता है। नए वेरिएंट में लक्षण काफी बदल गए है, जिसके कारण लोगों को जल्दी से संक्रमण का पता नहीं चलता है। 80 प्रतिशत केस तो ऐसे होते है की उसमें व्यक्ति को आइसोलेट करके ही ठीक किया जा सकता है। फिलहाल वैक्सीनेशन ही एक मात्र रामबाण इलाज है। देश में 70 प्रतिशत वैक्सीनेशन हो जाए इसके बाद ही केसों की संख्या का होगी।