रुस पर दबाव बनाने भारत को मोहरा बना सकता है अमेरिका, लगा सकता है 500 प्रतिशत टैरिफ

रुस पर दबाव बनाने भारत को मोहरा बना सकता है अमेरिका, लगा सकता है 500 प्रतिशत टैरिफ

वॉशिंगटन, 11 जुलाई (वेब वार्ता)। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत को मोहरा बनाने की तैयारी में है। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वह रूस पर प्रतिबंध लगाने के नए कानून के समर्थन पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। यह प्रस्तावित कानून रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालने के मकसद से तैयार किया गया है, ताकि यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त किया जा सके। इस बिल में भारत और चीन जैसे देशों पर रूसी एनर्जी प्रोडक्ट्स की खरीद जारी रखने के लिए 500 फीसदी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है।

यह विधेयक अप्रैल में सीनेटर लिंडसे ग्राहम की ओर से पेश किया गया था, जो ट्रंप के करीबी माने जाते हैं। बिल के अंतर्गत प्रावधान है कि रूसी तेल, गैस, यूरेनियम और पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने वाले देशों पर सख्त पेनल्टी लगाई जाएगी। रूसी कंपनियों, सरकारी संस्थानों और वरिष्ठ अधिकारियों पर भी व्यापक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

ग्राहम ने कहा कि ट्रंप ने इस विधेयक को आगे बढ़ाने के लिए सांसदों को प्रोत्साहित किया था। यह एक बड़ा ब्रेकथ्रू है, उन्होंने कहा, यह ट्रंप की पुतिन के साथ भविष्य की बातचीत को मजबूत करेगा। ग्राहम ने स्पष्ट किया कि यह बिल उन देशों को निशाना बनाता है जिनकी तेल खरीद रूस की युद्ध-नीति को आर्थिक समर्थन देती है।

उन्होंने कहा, “अगर आप रूस से उत्पाद खरीद रहे हैं और यूक्रेन की मदद नहीं कर रहे हैं, तो आपके उत्पादों पर अमेरिका में 500 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।” उन्होंने बताया कि भारत और चीन मिलकर रूस के करीब 70 प्रतिशत तेल निर्यात के लिए जिम्मेदार हैं।

यह कानून अमेरिकी राष्ट्रपति को एक बार 180 दिनों की छूट देने की अनुमति देता है, बशर्ते यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों में हो। रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद ऐसे संशोधनों पर भी विचार कर रहे हैं जिससे दूसरी बार भी छूट दी जा सके।

ट्रंप ने एक कैबिनेट बैठक में कहा, मैं इस पर विचार कर रहा हूं। यह पूरी तरह मेरे विकल्प पर है- लागू करना भी और हटाना भी। और मैं इसे बहुत गंभीरता से देख रहा हूं। बता दें, यूक्रेन वार को लेकर ट्रंप की नाराजगी बढ़ी है। ट्रंप ने हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह यूक्रेन को और अधिक डिफेंसिव हथियार भेजे। जिससे यह संकेत मिलता है कि अब वह इस संघर्ष को लेकर कड़ा रुख अपना रहे हैं।

ट्रंप ने बुधवार को फिलीपींस, ब्रुनेई, मोल्दोवा, अल्जीरिया, लीबिया, इराक और श्रीलंका जैसे सात छोटे व्यापारिक भागीदारों को पत्र भेजकर नई टैरिफ नीति की घोषणा की। हालांकि ये देश अमेरिका के लिए बड़े औद्योगिक प्रतिद्वंद्वी नहीं माने जाते।

इससे पहले ट्रंप ने सर्बिया पर 35% टैरिफ लगाया और कहा कि यह व्यापार वार्ताओं के जरिये शांति को बढ़ावा देने का तरीका है। जब ट्रंप से अफ्रीकी देशों लाइबेरिया, सेनेगल, गैबॉन, मॉरिटानिया और गिनी-बिसाउ के नेताओं के दौरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “ये अब मेरे दोस्त हैं। मैं इन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाने जा रहा हूं।”