गुजरात : कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सहायता की घोषणा के बाद आंकड़े जुटा रहा प्रशासन

गुजरात : कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सहायता की घोषणा के बाद आंकड़े जुटा रहा प्रशासन

जिला स्तर से कोरोना महामारी के दौरान अपने माता-पिता दोनों को खो देने वाले कुल 44 बच्चों की सूची तैयार

गुजरात में कोविड-19 के दौरान 44 बच्चे से पूरी तरह अनाथ हो गए हैं। सरकार द्वारा पालक माता-पिता योजना के तहत सहायता बढ़ाने के बाद वर्तमान में जिला स्तर से सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग यह जानकारी एकत्र कर रहा है। वहीं भारत सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई जानकारी के मुताबिक गुजरात में ऐसे 395 बच्चे हैं जिनके माता-पिता की मौत कोरोना महामारी से हो चुकी है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को उन बच्चों के लिए बाल सेवा योजना की घोषणा की, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की जांच कर रहे एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि जिला स्तर से कुल 44 बच्चों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें से 9 बच्चें अपने माता पिता के एकमात्र संतान हैं।वहीं 21 बच्चें ऐसे हैं जिनके माता पिता के तीन संताने हैं। वहीं 14 बालको के माता पिता के दो संताने हैं। 
अधिकारी ने बताया कि राज्य में पालक माता-पिता योजना पहले से ही लागू की जा रही है। मृत्यु प्रमाण पत्र में बीमारी या किसी अन्य कारण को प्राथमिकता दिए बिना माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों को सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री के ऐलान के मुताबिक मृत्यु प्रमाण पत्र में भले ही कोरोना न लिखा हो ऐसे बालकों की भी मदद की जाएगी। इसका अमल मार्च 2020 से यानी गुजरात में कोरोना महामारी की शुरुआत से ही लागू कर दिया जाएगा।
गौरतलब हैं कि मृतक व्यक्ति के गहर में कोई कमाने वाला है तो भी उसे सहायता प्रदान करने की मांग की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बाल सेवा योजना के तहत माता और पिता दोनों की मृत्यु होने पर उन्हें 18 वर्ष की आयु तक 4,000 रुपये प्रति माह और 15 से 21 वर्ष तक 6,000 रुपये की सहायता राशि घोषित की गई है।