जानें कब तक शुरू हो सकता है बालकों के लिए वैक्सीनेशन

भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन का चल रहा है परीक्षण

भारत में बालकों के लिए शुरू होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन के बारे में एक जानकारी देते हुये एम्स के प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है। डॉ रणदीप ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बना रहेगा। फिलहाल भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन का बालकों पर परीक्षण चल रहा है। जिसके परिणाम सितंबर तक आ सके है। इसके बता दे की इसके पहले एफ़डीए ने पहले ही फाइजर वैक्सीन को अनुमति दे दी है। 
बता दे की झायडस केडीला ने 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए अपन्नी कोरोना वैक्सीन का परीक्षण पूर्ण किया था। इसके अलावा कंपनी ने ZyCov-D के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी। हालांकि अभी भी DCJI द्वारा कहा गया कि इसमें अभी भी काफी समय लग सकता है। यह कोरोना वायरस एक डीएनए बेज्ड वैक्सीन है, जिसके तीन डोज़ लगाने पड़ेगे। 
बता दे कि भारत में अब तक 42 करोड़ से भी अधिक डोज़ दिये जा चुके है। सरकार साल के अंत तक सभी युवाओं का वैक्सीनेशन करने का लक्ष्य रखती है। विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की गई है। जिसमें बालकों को काफी खतरा होने की बात सामने आ रही है। यही कारण है कि बालकों के लिए भी वैक्सीनेशन सेंटर बनाना पड़ेगा। इस बारे में बात करते हुये डॉ रणदीप ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है। 
गुलेरिया ने कहा कि आने वाले कुछ हफ्तों में या सितंबर कि शुरुआत में ही सभी बालकों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। इससे बालकों को कोरोना के सामने और भी अधिक रक्षण मिलेगा। ध लेंसेट द्वारा सप्ताह प्रकाशित किए एक संशोधन में कहा गया था कि 11 से 17 साल के बालकों के एक साथ रहने से संक्रामण का जोखिम 18 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत तक हो जाता है। जिसके चलते माता-पिता भी बालकों को स्कूल भेजने में आनाकानी कर रहे है। 
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