सूरत के फार्म हाउस में ग्लूकोज - नमक से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने का पर्दाफाश

सूरत के फार्म हाउस में ग्लूकोज - नमक से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने का पर्दाफाश

सूरत के पास ओलपाड में पिंजरत गांव के फार्म हाऊस में नकली रेमडेसिविल इंजेक्शन बनाने की फेकट्री पर पुलिस ने छापा मारकर ७ लोगों को ६० हजार ‌इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया।

 7 आरोपी गिरफ्तार , ६० हजार नकली इंजेक्शन जब्त, जालसाजो ने 5 हजार इंजेक्शन बेचने की कबुलात कि
 रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के कारण उसकी कालाबाजारी होती थी मगर मौके का फायदा उठाने के लिए कुछ जालसाजों ने डुप्लीकेट इंजेक्शन बनाना शुरू कर दिया। ओलपाड तहसिल के पिंजरत गांव में फार्म हाऊस के अंदर डु्प्लीकेट रेमडेसिविर इंजेक्शन की फेकट्री पर पुलिस ने छापा मारा। कोरोना मरीजों की जान बचाने में संजिवनी समान रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का और एक मामला उजागर हुआ। रॉयल विला फार्म हाउस में ग्लूकोज और नमक के पानी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार किए जाता था क्राईम ब्रान्च ने फार्म हाउस में छापा मारकर 60 हजार डुप्लीकेट इंजेक्शन सहित 7 लोगो को हिरासत में लिया है।
सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने मोरबी पुलिस के साथ सूरत जिले में ओलपाड के पिंजरत गांव में स्थित रॉयल विला फार्म हाउस में छापेमारी कर डुप्लीकेट रेमडेसिविर ‌इंजेक्शन बनाने की फेकट्री का पर्दाफाश किया। ग्लुकोज और नमक डालकर डुप्लीकेट रेमडेसिविर ‌इंजेक्शन बनाया जाता था। पुलिस ने फार्म हाऊस की जांच करने के बाद यहा से इंजेक्शन बनाने के लिए कच्चा मटेरियल का भारी जत्था जब्त किया। 
इस मामले में आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि वे अब तक करीब 5 हजार नकली इंजेक्शन मार्केट में और मजबूर लोगों को बेच चुके हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया इंजेक्शन की शीशी पर चिपकाने के लिए नकली स्टीकर उन्होंने मुंबई से प्रिंट करवाए थे। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी बिहार और महाराष्ट्र के हैं। पुलिस ने अभी आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं किया है। इस बारे में पुलिस का कहना है कि इनके तार गुजरात के अन्य शहरों से भी जुड़े हैं और सभी जगह छापेमारी की जा रही है।
मोरबी में पुलिस ने छापा मारकर 41नकली इंजेक्शन बेचनेवाले राहुल अश्विन कोटेचा और राज मनोज हिराणी को गिरफ्तार किया था। उनकी पुछताछ में पता चला की वह अहमदाबाद के जुहापुरा में रहनेवाले आसिफ से इंजेक्शन लाते थे। पुलिस ने अहमदाबाद में छापा मारकर मोहम्मद आसिफ उर्फ आसिफ तथा रमीझ कादरी के घर से 1170 डुप्लीकेट इंजेक्शन जब्त किए थे। उनके पास से पुलिस ने नगद 17.37 लाख रुपये भी बरामद किए। प्राथमिक पुछताछ में पता चला की नकली इंजेक्शन का मुख्य सरगना सूरत के ओलपाड में कौशल व्होरा है जिसके आधार पर अहमदाबाद क्राईम ब्रान्च ने शनिवार को छापा मारा। 
सूरत के अडाजण में रहनेवाला कौशल व्होरा और उसका भागीदार पुनीत गुणवंतलाल शाह मुल निवासी मुंबई वर्तमान में ओलपाड पिंजरत गांव में किराए का फार्म हाऊस में डुप्लीकेट इंजेक्शन बनाता था। उनके पास से 160 इंजेक्शन और नगद 75 लाख , लेपटोप, डिजिटल कांटा, 30 हजार स्टीकर, काळी बोटल और इनोवा कार पुलिसने जब्त कि। कौशल व्होरा द्वारा टावेरा कार में अहमदाबाद भेजे गए डुप्लीकेट इंजेक्शन का जत्था पकडा गया था। टावेरा चालक सिराज खान कार छोडकर फरार हो गया। टावेरा कार से पुलिस को 2000 इंजेक्शन  किमत 96 लाख का मालसामान जब्त किया था। इस मामले में भरूच के कल्पेश मोहन प्रजापति भी फरार होने की जानकारी मिली है। अब तक पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में 7 आरोपीओं को गिरफ्तार किया है जो मुंबई और बिहार के मुल निवासी होने की जानकारी मिली है। हितेश, दिशात विवेक, नितेश जोशी, शक्ति सिंह, सनप्रीत और राज वोरा अहमदाबाद की फाइल स्टार होटल हयात में बैठकर इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे। फाइव स्टार होटल में बैठकर रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर 100 रुपए की कीमत के 5000 टेट्रासाइकल इंजेक्शन हजारों रुपयों में बेच चुके हैं। होटल से टेट्रासाइकल के करीब 500 इंजेक्शन और रेमडेसिविर के नकली स्टीकर जब्त किए गए थे।
वडोदरा पुलिस ने बाड़मेर मूल के विवेक महेश्वरी (अब वडोदरा), नईमबेन वोरा-मेडिकल संचालक (आणंद) को गिरफ्तार किया है। इससे पहले बुधवार को वडोदरा में पुलिस ने एक फॉर्म हाउस में न्यूमोनिया के इलाज में उपयोगी एंटीबायोटिक पर नकली रेमडेसिविर का स्टीकर चस्पा करने की फैक्ट्री पकड़ी थी। यहां से नकली रेमडेसिविर के 2200 इंजेक्शन जब्त किए गए थे।
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