क्रिकेट : आखरी ओवर में गेंदबाज पर दबाव, मुझपर नहीं! दस क्षेत्ररक्षक बाउंड्री पर खड़े होते तो भी खेलता बड़े शॉट : हार्दिक पांड्या

क्रिकेट : आखरी ओवर में गेंदबाज पर दबाव, मुझपर नहीं! दस क्षेत्ररक्षक बाउंड्री पर खड़े होते तो भी खेलता बड़े शॉट : हार्दिक पांड्या

रविवार को हुए एक बेहद रोमांचक मुकाबले में हार्दिक ने छक्के के साथ जिताया, पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में किया पुराने दिनों को याद

एशिया कप में रविवार को हुए एक बेहद रोमांचक मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट की करारी मात दी। इस मैच में एक समय भारत की स्थिति दयनीय हो गई थी, लोगों ने मान लिया था कि भारत एक और शर्मनाक हार की बढ़ रहा है पर दो खिलाड़ियों ने खुद को पाकिस्तान की जीत और भारत की हार के बीच खड़ा कर दिया। वो दो खिलाडी थी रविन्द्र जड़ेजा और हार्दिक पांड्या! मैच का अंत हुआ हार्दिक के छक्के के साथ। पर इस छक्के से ठीक पहले कुछ ऐसा हुआ जिसने ये दिखा दिया कि जो हार्दिक मैदान में खड़ा था वो हार्दिक बीते सालों में दिखे हार्दिक से बहुत अलग था।

आखिरी ओवर का रोमांच

आपको बता दें कि इस मैच का सबसे रोमांचक पल तब आया जब मैच का आखिरी ओवर चल रहा था। आखरी ओवर में भारत को जीत के लिए 7 रन चाहिए था। पहली गेंद पर जड़ेजा बोल्ड और सब स्तब्ध! अगली गेंद पर कार्तिक का एक रन, मतलब 2 गेंदों में सिर्फ 1 रन बना। अब चार गेंद और जीत के लिए चाहिए थे छः रन।  तीसरी गेंद खेल रहे पांड्या की गेंद छूट गई और सामने खड़े दिनेश कार्तिक ने अपनी धड़कन तेज कर दी। उसके हावभाव को देखकर हार्दिक ने घबराने का इशारा नहीं किया। इस घटना का वीडियो आज शहर में चर्चा का विषय है, क्योंकि हार्दिक ने अगली गेंद पर छक्का लगाकर गेम जीत लिया। एक छक्का नहीं एक संदेश था, संदेश हार्दिक के मजबूती की, हार्दिक के आत्मविश्वास की! 

पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन ने अपने संघर्ष को किया याद

भारत की रोमांचक जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद पांड्या पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन ने अपने संघर्ष को बताया। हार्दिक ने कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि हम दबाव की स्थिति में टीम को जीत दिलाने में सफल रहे हैं। जडेजा ने क्रीज पर आकर स्थिति बदली। हम दोनों सालों से साथ खेल रहे हैं और एक दूसरे के खेल को अच्छी तरह जानते हैं। भारतीय टीम हमेशा अपने शीर्ष क्रम के लिए जानी जाती रही है लेकिन अब हमें मौका मिल रहा है और हम अपनी क्षमता से अधिक योगदान दे रहे हैं। विश्व कप नजदीक आते ही जीतने की प्रक्रिया हमारे अभियान का हिस्सा है। भविष्य में जब भी इस तरह की स्थिति पैदा होगी तो हम इस मैच को याद रखेंगे। मैच के अंत में गेंदों की संख्या के मुकाबले रनों की संख्या के बारे में हार्दिक ने कहा कि अगर पांच या दस क्षेत्ररक्षक बाउंड्री पर खड़े होते तो भी मुझे लंबे शॉट खेलने पड़ते। आउट होने पर जडेजा थोड़े भावुक हो गए लेकिन कोई दबाव नहीं था। गेंदबाज पर मुझसे ज्यादा दबाव था और मैं उसके गलती करने का इंतजार कर रहा था। आजकल छह गेंदों में 10 रन बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है। अब दो लंबे शॉट आपको गेंद के लक्ष्य के करीब लाते हैं।