कोविन हैक और डेटा लीक का दावा गलत : सरकार

कोविन हैक और डेटा लीक का दावा गलत : सरकार

15 करोड़ लोगों के डाटा लीक हुये होने की उडी थी अफवा

नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने शनिवार को एक बार फिर साफ किया कि भारत के वैक्सीन पंजीकरण पोर्टल कोविन की हैकिंग और डेटा लीक के बारे में गलत दावे थे। वैक्सीन प्रशासन पर अधिकार प्राप्त समूह (ईजीवीएसी) के अध्यक्ष आर.एस. शर्मा ने स्पष्ट किया है कि कोविन सिस्टम की कथित हैकिंग और डेटा लीक से संबंधित डार्क वेब पर तथाकथित हैकर्स के दावे निराधार हैं।
शर्मा ने कहा, "हम समय-समय पर उचित कदम उठाते रहते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोगों का कोविन का डेटा सुरक्षित है।" उन्होंने यह भी कहा कि कोविन सिस्टम की कथित हैकिंग के मामले की जांच अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम द्वारा की गई है। केंद्र ने गुरुवार को एक बयान के माध्यम से दावों का खंडन किया, जिसमें कहा गया कि कोविन को हैक कर लिया गया है और 15 करोड़ लोगों का डेटाबेस बिक्री के लिए तैयार है।
सरकार ने तब कहा था कि उसका ध्यान कोविन सिस्टम की कथित हैकिंग के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों की ओर आकर्षित किया गया है। इस बारे में हम यह बताना चाहते हैं कि कोविन पर सभी टीकाकरण डेटा को एक सुरक्षित है। 'डार्क लीक मार्केट' के नाम से जाने जाने वाले एक हैकर समूह ने एक ट्वीट के माध्यम से दावा किया कि उसके पास लगभग 15 करोड़ भारतीयों का डेटाबेस है, जिन्होंने कोविन पोर्टल पर खुद को पंजीकृत किया है और यह डेटा को 800 डॉलर में पुनर्विक्रय कर रहा है।
(Disclaimer: यह खबर सीधे समाचार एजेंसी की सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है। इसे लोकतेज टीम ने संपादित नहीं किया है।)