कोरोना वैक्सीन : जानें WHO ने क्यों कहा, 'बच्चों को वैक्सीन टालें, गरीब देशों की चिंता करें!'

विश्व के हर देशों तक वैक्सीन पहुँचाना पहली प्राथमिकता

कोरोना की दूसरी लहर ने विश्वभर में कहर मचा कर रहा हुआ हैं। विश्व के बड़े देशों ने कोरोना से बचने के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया हैं। ऐसे में शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर बेहद घातक साबित हो रही है। ऐसे में उन्होंने अनुरोध करते हुए दुनिया के अमीर देशों से कहा कि वे बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाने की बजाय इसका डब्लूएचओ के गरीब देशों के लिए कोवैक्स स्कीम के तहत दान करने के बारे में सोचें। जेनेवा में एक वर्चुअल बैठक के दौरान डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने कहा- पहले साल की तुलना में महामारी इस बार ज्यादा भयंकर है। आगे उन्होंने कहा- "मैं समझता हूं कि कुछ देश अपने बच्चों और किशोरों का वैक्सीनेशन क्यों करना चाहते हैं लेकिन अभी मैं उनके पुनर्विचार करने और डब्ल्यूएचओ के कोवैक्स कार्यक्रम के तहत वैक्सीन दान देने का आग्रह करता हूं।"
आपको बता दें कि भारत इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। यहां तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया हिल गई है। भारत की स्थिति पर बोलते हुए, WHO अध्यक्ष ने कहा कि भारत में स्थिति चिंताजनक है, अस्पताल में भर्ती होने और मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। हम उन सभी सहयोगियों को धन्यवाद देते हैं जो इस कठिन समय में भारत की मदद कर रहे हैं।
कोवैक्स क्या है?
कोवाक्स कोरोना वैक्सीन के लिए एक वैश्विक गठबंधन है। इसका मकसद वैक्सीन को हर देश तक पहुंचाना है, ताकि कोरोना को पूरी तरह खत्म किया जा सके. गठबंधन का नेतृत्व गावी कर रहे हैं। गावी एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) और WHO का गठबंधन है। डब्ल्यूएचओ बार-बार अमीर देशों से गरीब देशों को भी पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए आगे आने की अपील करता है।
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