उत्तराखंड के आंकड़े चौंकाने वाले, कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने सजग रहने की जरूरत

महज 15 दिनों में देखने मिले आंकड़ो से प्रशासन की उडी नींद, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी समजने की सलाह

देश भर में कोरोना संक्रमण की कम होती रफ्तार के बीच एक नई और गंभीर समस्या सामने आई है।  उत्तराखंड सरकार के आंकड़ों के अनुसार राज्य में तकरीबन 9 पर्वतीय जिलों में कोरोना संक्रमण की दर तेजी से बढ़ने की खबर आई है। रिपोर्ट के मुताबिक इन जिलों में मई महीनें के शुरूआती पन्द्रह दिनों में यानि 1 मई से 14 मई 2021 के बीच कोरोना से होने वाली मौतों की दर उतनी देखने को मिली है जितनी कि पूरे वर्ष में नहीं हुई थी। 
इसमें भी सबसे बड़ी चिंता की बात यह है की महामारी ने अब 9 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इस बड़ी और गंभीर समस्या से पूरे राज्य में हड़कम्प मचा हुआ है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 9 वर्ष से कम उम्र के लगभग 1000 बच्चे कोरोना महामारी से संक्रमित हो चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसी गंभीर स्थिति महज 15 दिनों में देखने को मिली है। इस चिंन्ताजनक आंकड़े से राज्य प्रशासन की नींद उड़ी हुई है।  
News18 की रिपोर्ट के अनुसार जोर कोरोना संक्रमित बच्चों में कुछ बच्चों को चिकित्सा के लिए अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा है। आप को याद दिला दें कि अभी पांच मई को विजयराघवन ने चेताया था कि जिस तीव्रता से वायरस का प्रसार हो रहा है, कोरोना महामारी की तीसरी लहर आनी सुनिश्चित है। ऐसे में उत्तराखंड के उपरोक्त आंकड़ों ने डरा दिया है, कुछ विशेषज्ञ इन्हें चेतावनी समझने की सलाह भी दे रहे हैं। 
खबरों के मुताबिक कोरोना की आगामी तीसरी लहर बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित होगी। अत: उत्तराखंड में जिस प्रकार से यह कोरोना महामारी 9 साल के मासूम बच्चों को अपना निशाना बना रही है, इस पर न केवल राज्य सरकार वरन केन्द्र सरकार को भी सजग होने की जरूरत है। 
गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष में उत्तराखंड में कुल 2131 बच्चे कोरोना महामारी से संक्रमित हुए। वहीं इस वर्ष अप्रैल महीने के शुरूआती 15 दिनों में करीब 264 बच्चे कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। इतना ही नहीं 30 अप्रैल तक कोरोना संक्रमित बच्चों की संख्या लगभग 1053 हो गई।  राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 1 मई से 14 मई के बीच लगभग 1618 बच्चे कोविड- 19 के शिकार हुए।