दिल्ली में कमिश्नर का पदभार संभालते ही किया अस्थाना ने सबसे पहला किया काम

दिल्ली में कमिश्नर का पदभार संभालते ही किया अस्थाना ने सबसे पहला किया काम

15 अगस्त की सुरक्षा के लेकर बैठक बुलाई

गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली का कमिश्नर बनाया गया है और अब जब स्वतंत्रता दिवस ने गिनती के दिन बचे हैं तो देश की सुरक्षा एजेंसियां स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों की खुशी से ज्यादा भारत की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में अस्थाना ने 15 अगस्त की सुरक्षा के लेकर बैठक बुलाई और अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए। पीएम मोदी के काफिले और लाल किले से उनके संबोधन की भी समीक्षा की गई है।
सूरत के पूर्व पुलिस आयुक्त और सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली सरकार के लिए सर्वोपरि है और केंद्र ने पुलिस की कमान प्रधानमंत्री मोदी के विशेष अधिकारी को सौंप दी है। दिल्ली में पहले और किसान आंदोलनों के दौरान हुए विभिन्न आंदोलनों में कई बार कानून-व्यवस्था बिगड़ती देखी गई, जिसका सबसे बुरा हाल सीएए और जामिया विश्वविद्यालय के आंदोलन में देखने को मिला। लाल किले पर हाल ही में किसान आंदोलन के दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया था, जिसे देश का अन-बान-शान कहा जा सकता है।
अगर राकेश अस्थाना की बात करें तो राकेश अस्थाना 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जिनका अतीत काफी दिलचस्प रहा है। उनका जन्म रांची, झारखंड में हुआ था और आईपीएस बनने से पहले वे इतिहास के प्रोफेसर थे। उन्होंने सीबीआई के विशेष निदेशक के रूप में कार्य किया जिसमें सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ उनका विवाद बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अलावा गुजरात में अहमदाबाद ब्लास्ट केस उनके करियर में अहम है जिसमें उन्होंने इस केस को महज 22 दिनों में सुलझा लिया। इसके अलावा उन्होंने गुजरात में आसाराम और नारायण साइना के मामले में भी अहम भूमिका निभाई थी।
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