गुजरात के 40 गाँव वैक्सीन होने के बावजूद लेने के लिए नहीं है तैयार

गुजरात के 40 गाँव वैक्सीन होने के बावजूद लेने के लिए नहीं है तैयार

वैक्सीन के प्रति लोगों के बीच अभी भी है विभिन्न गलतफहमी और भ्रांतियाँ, वैक्सीन लेने की वजह से मृत्यु होने का है खोफ

सरकार की ओर से एक और जहां लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए लोगों को जल्द से जल्द टीकाकरण करवाने की अपील की है। सरकार ने भी अपनी तरफ से टीकाकरण के कार्य को तेज कर दिया है। कई जगहों पर तो वैक्सीन की कमी के किस्से सामने आने के कारण लोग टीका लगवाने से वंचित हो जा रहे है। तो अभी भी कुछ लोग अंधविश्वास की वजह से कोरोना की वैक्सीन नहीं ले रहे हैं। कुछ ऐसा ही भावनगर जिले में हो रहा है। भावनगर के करीब 40 गांव ऐसे हैं जहां अधिकांश लोगों ने अभी तक गलत धारणाओं के कारण टीका नहीं लगाया है। यही नहीं ये लोग टीकाकरण के लिए तैयार भी नहीं हैं।  
सूत्रों से मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, भावनगर के ग्रामीण क्षेत्र में 45 वर्ष से अधिक उम्र के मात्र 53 फीसदी लोगों ने कोरोना का पहला डोज़ लिया है। जबकि दोनों डोज़ ले चुके लोगों की संख्या मात्र 33 प्रतिशत है। भावनगर जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कोरोना का टीकाकरण चल रहा है। जिसके लिए 100 डॉक्टर, 800 पैरामेडिकल स्टाफ, 1400 आशा कार्यकर्ता, 2000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 8 जिला नोडल अधिकारी और 20 सर्विलांस स्टाफ कार्यरत हैं। लेकिन भावनगर जिले में अभी भी कई गांव ऐसे हैं, जहां कुछ लोग अभी भी वैक्सीन के प्रति विभिन्न भ्रांतियां और अंधविश्वास से ग्रस्त है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि लोग कोरोना वैक्सीन से मर रहे हैं और लोग इस विश्वास के कारण वैक्सीन लेने को तैयार नहीं हैं।  

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण इलाके भी काफी प्रभावित हुये थे। शहरी क्षेत्र के बाद दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा। ग्रामीण क्षेत्रों में अविकसित स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण भी लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ऐसे में भी कुछ ग्रामीण अभी भी विभिन्न भ्रांतियों के चलते टीकाकरण कराने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में, सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठन और समुदाय के अग्रणीयों द्वारा लोगों में कोरोना टीकाकरण के बारे में जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है।