स्वामीनारायण संस्था ने सामाजिक बुराइयां दूर करने के साथ जनकल्याण कार्यों को प्राथमिकता दी : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की विशेष उपस्थिति में श्री स्वामीनारायण विश्वमंगल गुरुकुल, कलोल और स्वामीनारायण मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन समारोह आयोजित
गांधीनगर 27 फरवरीः केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मंगलवार को गांधीनगर जिले के कलोल शहर में श्री स्वामीनारायण विश्वमंगल गुरुकुल की ओर से आयोजित 30वें वार्षिक महोत्सव और स्वामीनारायण मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन समारोह में विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि स्वामीनारायण भगवान छपैया में जन्मे और उन्होंने गुजरात को अपनी कर्मभूमि बनाया था। स्वामीनारायण संस्थाओं ने प्रत्येक घर में भक्तिभाव और संस्कारों के सिंचन का उम्दा कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि यह संस्था समाज में व्यसन मुक्ति के साथ-साथ 60 के दशक से ही गुरुकुल के माध्यम से शिक्षा का दायरा बढ़ाने का उत्तम कार्य कर रही है। गरीब, हाशिये पर खड़े लोगों और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले वनवासी बच्चों को शिक्षा प्रदान कर उन्हें भक्ति और संस्कृति की दिशा में आगे बढ़ाकर एक बेहतर नागरिक बनाने का काम भी स्वामीनारायण संस्था द्वारा सुंदर तरीके से किया जा रहा है। इसके अलावा, इस संस्था ने समाज में सज्जन शक्ति को संगठित करने के काम के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यसन मुक्ति और सामाजिक बुराइयों को दूर करने जैसे अनेक जनकल्याणकारी कार्यों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि संस्था की ओर से यहां कलोल में स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने के लिए कॉलेज की स्थापना की गई है। इतना ही नहीं, साथ ही आसपास के गरीब लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए विशेष एंबुलेंस सेवा की शुरुआत भी की गई है।
गुजरात में सुदूरवर्ती गांवों के साधारण नागरिक को भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस सरकार के शासन में स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता दी गई है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में पिछले 10 वर्षों के दौरान मेडिकल सेवा को बढ़ाने का काम बहुत ही तेजी के साथ हुआ है। उन्होंने कहा कि 70 वर्षों में 7 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) तैयार किए गए थे, जबकि पिछले 10 वर्ष में 23 एम्स हॉस्पिटल बने हैं। देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 706 हो गई है। एमबीबीएस सीटों की संख्या भी 51 हजार से बढ़कर 1 लाख से अधिक की गई हैं। पहले लगभग 31 हजार डॉक्टर एमडी या एमएस की डिग्री लेकर बाहर निकलते थे, आज परास्नातक (पीजी) की सीटों को बढ़ाकर 70 हजार कर दिया गया है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) और भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) जैसे शैक्षिक संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाया गया है। ऐसे संस्थानों के माध्यम से देश के युवाओं को दुनिया के युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। उच्च शिक्षण संस्थानों में 11 फीसदी की वृद्धि हुई है। पब्लिक यूनिवर्सिटी की संख्या 316 से बढ़कर 480 और कॉलेजों की संख्या 38 हजार से बढ़कर 53 हजार हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बच्चों को अनेक अवसर दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अर्थशास्त्र और संगीत जैसे अनेक विषयों में अध्ययन का अवसर भी नई शिक्षा नीति में दिया गया है। नई शिक्षा नीति में एक संपूर्ण व्यक्ति के निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। बच्चों में अंतर्निहित शक्ति को बाहर निकालने के अवसर भी इस शिक्षा नीति में हैं।
श्री शाह ने कहा कि पहले जब भारत के नेता विदेशों का दौरा करते थे, तब वे अंग्रेजी में बात करते थे। आज प्रधानमंत्री ने जी20 जैसे वैश्विक मंच पर हिन्दी में भाषण देकर अपनी संस्कृति और भाषा को उजागर किया है। आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे, तब भारत के नौजवान हरेक क्षेत्र में अग्रणी होंगे। देश में डिजिटल क्रांति और आधुनिकता लाने के साथ ही प्रधानमंत्री ने संस्कृति के संरक्षण का काम भी किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी समय में एक अद्भुत भारत का निर्माण होगा और हमारा भारत दुनिया में सर्वश्रेष्ठ देश होगा।