धमतरी : राजिम नगरी में ज्ञान, भक्ति और आस्था की बहती है गंगा

राजिम कुंभ कल्प मेला 2024, राजिम कुंभ मेले का अलग ही है महत्व

धमतरी : राजिम नगरी में ज्ञान, भक्ति और आस्था की बहती है गंगा

धमतरी, 24 फरवरी (हि.स.)। रामोत्सव राजिम कुंभ कल्प मेला जीवन के उत्सव आनंद और उत्साह का प्रतीक है। जहां भीड़ में भी एक अलग सुकून मिलता है। सभी लोग अपना गम भूलाकर मस्त होकर इस पल को अपना बनाकर जी लेने के लिए तैयार होते हैं। वैसे सभी जगह के मेले के आयोजन का एक अलग ही महत्व होता है, लेकिन राजिम में आयोजन कुंभ मेले की बात कुछ निराली है।

राजिम की इस पवित्र नगरी में सदियों से जहां ज्ञान, भक्ति और आस्था की गंगा बहती है। भगवान श्री कुलेश्वर महादेव और राजीव लोचन मंदिर श्रद्धालुओं को अनायास ही अपनी और आकर्षित करती हैं। वही प्रतिवर्ष लगने वाले इस मेले का शुभारंभ 24 फरवरी से हो गया है। इस बार राजिम कुंभ मेला रामोत्सव की थीम पर आयोजित है।

वैसे तो राजिम की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। पांच वर्ष के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं संस्कृति पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री बृजोहन अग्रवाल ने इसकी भव्यता फिर से लौटाई है। ब्रम्ह मुहूर्त से ही हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी पुण्य स्नान कर रेत से शिवलिंग बनाकर विधि-विधान से पूजन कर बेल पत्र पुष्प श्रीफल रोली चंदन अर्पित कर जल से अभिषेक किए। कहीं बच्चों की टोली दोने में दीप जलाकर दीपदान करते दिखे, तो दूसरी ओर मंदिरों में पंक्ति बनाकर पूजन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते भक्त दिखे। एक ओर मंदिर के आसपास ही कोई पूजन सामग्री खरीदते रहे, कोई सामूहिक आरती तो अपनी मनोकामना पूर्ण करने नदी में डुबकी लगाते रहे। मंदिर से घंटनाद और शंखनाद की ध्वनि बेहद कर्णप्रिय लग रही थीं और सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव हृदय में गुंजीत हुए चारों तरफ महोत्सव स्थल पर विविधता में एकता के अद्भुत दर्शन हुए। दिन भर भजन-कीर्तन कथा मनोरंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुफ्त उठाने दूर-दूर से दर्शक पहुंचे। नदी स्थल में लगे भंडारे और ठहरने के लिए बने डोम से इनकी चिंता दूर हुई।

इस बार रामोत्सव राजिम कुंभ कल्प 2024 की दिव्यता और शोभा देखते ही बन रही हैं। चारो तरफ़ सुरक्षा, शांति और स्वच्छता के समस्त व्यवस्था पूर्ण कर ली गई हैं। साथ ही सीसी टीव्ही कैमरे से निगरानी रखी जा रही है। 24 फरवरी से प्रारंभ हुए इस मेले में हर दिन नए रूप होंगे। वहीं स्नाथीय कलाकार के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के कलाकार देश के कोने-कोने से मुख्य मंच और नदी में बने मंच में अपनी कला का प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ महतारी की महिमा का बखान करेंगे।