AM/NS Indiaने डॉ. अरविंद बोधनकर को चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर नियुक्त किया
डॉ. बोधनकर डीकार्बोनाइजेशन के कार्यों को लागू करने के साथ ही संगठन के जलवायु संरक्षण के एजेंडे पर भी फोकस करेंगे
दुनिया के दो मुख्य स्टील उत्पादक, आर्सेलरमित्तल और निप्पॉन स्टील के संयुक्त उद्यम, आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS India) ने डॉ. अरविंद बोधनकर को अपने चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर के रूप में नियुक्त करने की जानकारी दी है।
अपनी नई भूमिका में डॉ. बोधनकर, AM/NS India के लिए सस्टेनेबिलिटी एजेंडे का नेतृत्व करेंगे, जो डीकार्बोनाइजेशन के लिए मध्यम और दीर्घकालिक कार्यों को व्याख्यायित करने और इसे लागू करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसके साथ ही वे संगठन के जलवायु संरक्षण के एजेंडा को आगे बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने पर भी फोकस करेंगे।
डॉ. बोधनकर पूर्व में डालमिया भारत समूह में कार्यकारी निदेशक(ESG) और मुख्य रिस्क ऑफिसर(जोखिम अधिकारी) थे। वहां, उन्होंने सस्टेनेबिलिटी और रिस्क मैनेजमेंट कार्यों का नेतृत्व किया और साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा, सेकुलर ईकोनोमी, कार्बन कैप्चर और ग्रीन बिल्डिंग(हरित भवन) परियोजनाओं की पहल की देखरेख की।
पेट्रोकेमिकल्स, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और ऑटोमोटिव सहित विविध विनिर्माण और कार्बन-सघन उद्योगों में तीन दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, डॉ. बोधनकर ने संचालन और गुणवत्ता प्रणाली, स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं। उन्होंने अग्रणी विनिर्माण कंपनियों के लिए सस्टेनेबिलिटी एजेंडे का भी नेतृत्व किया है।
विम वान गेरवेन, मुख्य परिचालन अधिकारी, आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS India)ने कहा कि, "डॉ. अरविंद बोधनकर के पास सस्टेनेबिलिटी और रिस्क मैनेजमेंट में व्यापक अनुभव और विशेषज्ञता है। हम राष्ट्र की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए विकास की रणनीतियों को लागू करते हैं और डॉ. बोधनकर, कंपनी में सस्टेनेबिलिटी के एजेंडा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।''
AM/NS Indiaने स्टील उत्पादन की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में कार्यों के रोडमैप के साथ वर्ष 2030 तक उत्सर्जन की तीव्रता में 20% की कमी का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके अंतर्गत, 100% बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना, नई और संवर्धित सोर्सिंग और प्रसंस्करण सुविधाओं के माध्यम से स्क्रैप स्टील की रीसाइक्लिंग को दोगुना से अधिक बढ़ाना और नई प्रौद्योगिकी सुधारों के साथ परिचालन क्षमताएं बढ़ाने का कार्य शामिल हैं।