सूरत : 'शिक्षा का कल' विषय पर सेवानिवृत्त एवं नवनियुक्त प्राचार्यों के लिए दो दिवसीय सम्मान समारोह का आयोजित

अहमदाबाद आचार्य संघ एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने संयुक्त रूप से पोइचा के नीलकंठ धाम में किया आयोजन

सूरत : 'शिक्षा का कल' विषय पर सेवानिवृत्त एवं नवनियुक्त प्राचार्यों के लिए दो दिवसीय सम्मान समारोह का आयोजित

अहमदाबाद आचार्य संघ एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के संयुक्त रूप से 12-13 फरवरी को पोइचा के नीलकंठ धाम में 'शिक्षा का कल' विषय पर दो दिवसीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में शैक्षणिक अधिवेशन एवं सेवानिवृत्त एवं नवनियुक्त प्राचार्य का सम्मान के साथ अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी आर. एम. चौधरी, सनोसरा स्थित लोकभारती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विशाल भधानी, रेड एंड व्हाइट मल्टीमीडिया इंस्टीट्यूट के संस्थापक हसमुखभाई रफालिया और अन्य विशेषज्ञ द्वारा संवाद भी किया गया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. विशाल भधानी ने कहा कि, शिक्षा पुस्तकालयों के दरवाजे की कुंजी है। राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि आज के छात्र राष्ट्र निर्माण में समग्र शिक्षा से सुसज्जित हों। विद्यार्थियों की उचित एवं सुव्यवस्थित निर्माण यात्रा में उस विद्यालय के शिक्षक एवं प्रधानाचार्य की विशेष भूमिका होती है। उन्होंने व्यक्तिगत शिक्षा के महत्व, कौशल पर जोर,प्रौद्योगिकी उपयोग कौशल विकास, शैक्षिक मूल्यों के बारे में जानकारी साझा की थी। 

कार्यक्रम में उपस्थित हसमुखभाई रफालिया ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भविष्य में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आने वाले आधुनिक परिवर्तनों की जानकारी के साथ एक पीपीटी प्रेजेंटेशन दिखाया। उन्होंने कहा कि कक्षा 10वीं और 12वीं पास करने के बाद छात्रों में करियर को लेकर असमंजस की स्थिति होना आम है। ट्रेंड और इंडस्ट्री को देखे तो आगामी भविष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, हार्डवेयर नेटवर्किंग, एआर/वीआर डेवलपमेंट, गेम टेक, 2डी/3डी एनिमेशन के साथ-साथ अकाउंटिंग और एच.आर. है। 

हाल ही में आयोजित 'वाइब्रेंट गुजरात समिट' की घोषणाएं और राज्य एवं केंद्र सरकार की आई.टी. बजट का आवंटन और क्षेत्र में निवेश जो सरकार की विचारधारा को दर्शाता है। टेक्नो की बढ़ती गति आगामी सुधार इस क्षेत्र में छात्रों के लिए 'उत्कृष्ट अवसर' लाएंगे इसमें कोई संदेह नहीं। उन्होंने कहा कि इसलिए छात्र योजनाबद्ध तरीके से इस क्षेत्र में आएं जो उनके स्वयं के विकास के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण के लिए भी एक अनूठी उपलब्धि साबित हो सकती है।

आर.एम. चौधरी ने कहा कि, समाज बदल रहा है। जैसे-जैसे समाज बदलता है, समाज के मूल्य भी बदलने लगते हैं और समय के साथ शिक्षा के अभ्यास में भी यह बदलाव देखने मिलते है। शिक्षा के महत्वपूर्ण पहलू जैसे, समग्र, बहुभाषी और भविष्यवादी शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और शिक्षा तक बेहतर पहुंच के लिए नई प्रौद्योगिकियों के साथ अद्यतन करना ही एकमात्र प्रभावी विकल्प है। उन्होंने आगे कहा कि समाज तभी बदल सकता है जब शिक्षा बदलेगी और उसके लिए शिक्षक परिवर्तन पहली आवश्यकता है. इसके साथ ही छात्रों को भी इस बदलाव से जुड़ना चाहिए और आज की शिक्षा और समग्र विकास की अवधारणा के साथ महत्वाकांक्षी बनना चाहिए।

 

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