भारत-नेपाल अन्तरदेशीय पेट्रोलियम पाइपलाइन का निर्माण मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य
भारत में लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी से उद्घाटन कराने की योजना
काठमांडू, 11 फरवरी (हि.स.)। भारत सरकार के सहयोग से अन्तरदेशीय पेट्रोलियम पाइपलाइन के दूसरे चरण का काम मार्च के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इसका उद्घाटन कराने की योजना है। बिहार के मोतिहारी से नेपाल के अमलेषगंज के बीच इस पाइपलाइन का निर्माण होने के बाद डीजल की तरह ही पेट्रोल और केरोसिन ऑयल की सीधी आपूर्ति हो सकेगी।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल इन दिनों निर्माणाधीन अन्तरदेशीय पाइपलाइन की प्रगति का निरीक्षण करने नेपाल आया है। इस निरीक्षण दल ने बीरगंज से लेकर अमलेषगंज तक हो रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया है। अमलेषगंज डिपो के प्रमुख विनीत मणि उपाध्याय ने बताया कि अब तक 60 प्रतिशत कार्य सम्पन्न हो चुका है और अगले दो महीनों में इस काम को पूरा करने का निर्देश ठेकेदार कंपनी को दिया गया है।
आईओसी के कंट्री मैनेजर निरूपम रायजादा ने ठेकेदार कंपनी को जनशक्ति बढ़ाने और तीन शिफ्ट यानि चौबीस घंटे काम को जारी रखने को कहा है। इस पेट्रोलियम पाइपलाइन के प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि हर हाल में मार्च के अंत तक प्रोजेक्ट पूरा करने के लक्ष्य के साथ ही सब लोग इसमें लगे हुए हैं। आईओसी के प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर किसी बात की समस्या है तो अभी बताएं लेकिन हर हाल में इसे तय सीमा पर ही पूरा करना होगा। भारत में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इसका उद्घाटन कराने की योजना है।
इस पेट्रोलियम पाइपलाइन के निर्माण पर कुल 214 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें 100 करोड़ रुपये का निवेश आईओसी की तरफ से किया जा रहा है, जबकि बाकी के 114 करोड़ रुपये का निवेश नेपाल ऑयल निगम कर रहा है। भारत सरकार के पूर्ण सहयोग से पाइपलाइन के पहले चरण का उद्घाटन 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संयुक्त रूप से किया था। उस पाइपलाइन से इस समय डीजल का आयात किया जा रहा है। नई बनने वाली पाइपलाइन से पेट्रोल और केरोसिन ऑयल का आयात किया जाएगा।