सूरत : नगर निगम का बड़ा फैसला, 1 मार्च से सिर्फ इतनी स्पीड से चलेंगी BRTS और सिटी बस
बस की गति सीमा घटाकर 40 की गई, चालक तेज गति से बस नहीं चला सकेंगे
बीआरटीएस और सिटी बसों में डेस्क कैम, ओआरवीएम लगाए जाएंगे
सूरत शहर में सिटीबस और बीआरटीएस बसों के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण सूरत नगर निगम (एसएमसी) ने एक बड़ा फैसला लिया है। नगर निगम ने सार्वजनिक परिवहन बसों की गति सीमा तय कर दी है। इसके साथ ही निर्धारित गति से अधिक गति से बस चलाने वाले चालकों पर कार्रवाई के लिए भी नियम बनाए गए हैं।
सूरत नगर निगम ने शहर की सड़कों पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं। खासकर बीआरटीएस और सिटी बसों के चालकों द्वारा फुल स्पीड में बसें चलाने की शिकायतें मिल रही हैं, ऐसे में अब नगर निगम के सार्वजनिक परिवहन विभाग के उपायुक्त और अन्य अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। बीआरटीएस और सिटी बसों की गति सीमा कम कर दी है। जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके। अगली तारीख 1 मार्च से ड्राइवर चाहकर भी 40 से ज्यादा की स्पीड पर बस नहीं चला सकेग। हर बस में स्पीड लिमिट तय होगी।
इसके अलावा बस में ओआरवीएम मिरर लगाया जाएगा। ड्राइविंग सीट पर बैठने के बाद अक्सर शीशे पर ऐसे ब्लेन्क स्पोट होते हैं कि बस के आसपास की गाड़ियां दिखाई नहीं देतीं। ऐसे ब्लेन्क स्पोट (खाली स्थानों )को हटाने के लिए एक ओआरवीएम मिरर लगाया जाएगा। इसके अलावा जब सीटी बस और बीआरटीएस बस से कोई हादसा होता है तो कई तरह के सवाल उठते हैं। हादसा किसकी गलती से हुआ यह पता नहीं चल पाता है। अब बस में डेस्क कैमरे लगाए जाएंगे ताकि सच्चाई का पता चल सके। कैमरों की मदद से सब कुछ रिकॉर्ड हो जाएगा और यह साफ हो जाएगा कि हादसे के वक्त वहां किस तरह के हालात थे और गलती किसकी थी।
नगर निगम उपायुक्त डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा कि दुर्घटनाएं रोकने के लिए सड़क का निरीक्षण कर कुछ निर्णय लिए गए हैं। यहां तक कि ड्राइवर की सीट पर बैठकर भी ब्लैक स्पॉट जैसी खामियां चेक की गई हैं। ठेकेदारों को बसों में अतिरिक्त मिरर, डैश कैम आदि अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए गए हैं। आने वाले दिनों में ड्राइवरों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी। शहर में एक भी दुर्घटना न हो इसके लिए पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है।
8 साल में बस हादसों में 90 लोगों की मौत
सूरत शहर में पिछले 8 सालों में बीआरटीएस और सिटी बसों से हुई दुर्घटनाओं में 90 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि बसों की तेज रफ्तार की 45 से ज्यादा शिकायतें नगर निगम के रजिस्टर में दर्ज की गई हैं। हादसों से बचने के लिए नगर पालिका ने आखिरकार कुछ नियमों का पालन अनिवार्य कर दिया है।