सूरत : हीरा श्रमिकों ने मुख्यमंत्री से आर्थिक मदद की गुहार लगाई
सूरत के हीरा उद्योग में छाई मंदी से परेशान रत्नकलाकार मुख्यमंत्री के दरवाजे पर पहुंचे
हीरा उद्योग को वित्तीय सहायता हेतु प्रस्तुतिकरण
सूरत के हीरा उद्योग में दिवाली की छुट्टियां जल्दी शुरू हुई थी और छुट्टियां तय समय से अधिक दिनों तक जारी रही। कई फेक्ट्रियां देर से खुली हैं और कई छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां भी बंद हो गई हैं। इसके कारण बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं और पिछले 8 से 10 महीनों में सूरत के लगभग 38 हीरा कारीगरों ने आत्महत्या कर ली है। हीरा श्रमिकों के संगठन ने मुख्यमंत्री के समक्ष आर्थिक मदद के लिए विभिन्न मांगें रखीं।
वर्कर यूनियन गुजरात के तत्वावधान में एवं इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के चेयरमैन के नेतृत्व में डायमंड वर्कर यूनियन गुजरात मंडल ने श्रम एवं रोजगार मंत्री बलवंतसिंह राजपूत से मुलाकात कर प्रेजेंटेशन दिया। जिसमें जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट एंड प्रमोशन काउंसिल के रीजयन चेयरमैन ने भी अपना समर्थन दिया। संक्षेप में कहें तो हीरा उद्योग में मंदी की समस्या बढ़ती जा रही है। इससे राहत पाने के लिए सरकार को प्रार्थना पत्र दिया गया है।
कारीगर हीरा उद्योग में हालिया मंदी से जूझ रहे हैं। दिवाली की छुट्टियों के बाद कई छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां भी बंद हो गई हैं। जिसके कारण बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं और पिछले 8 से 10 महीनों में सूरत के लगभग 38 कारीगरों ने आत्महत्या कर ली है। राज्य के श्रम एवं रोजगार मंत्री बलवंत सिंह राजपूत ने हीरा श्रमिकों के संगठन की मांगे और रजुआत सूनी।
हीरा उद्योग में रत्नकलाकारों की मांगें
आर्थिक पैकेज की घोषणा करें
रत्नदीप योजना प्रारंभ करें
बिजनेस टैक्स ख़त्म करो
आत्महत्या करने वाले हीरा श्रमिकों के परिवारों की आर्थिक मदद करें
सरकार से रत्नकलाकार कल्याण बोर्ड की मांग की गयी है