सूरत : चैंबर द्वारा संचालित स्थायी सुलह आयोग ने पति-पत्नी के बीच वर्षों से चले आ रहे विवाद का निपटारा किया
व्यावसायिक, अचल और चल संपत्ति, वैवाहिक, पारिवारिक, वित्तीय विवादों का आयोग द्वारा निपटारा
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा वर्ष 1987 से प्रबंधित स्थायी सुलह आयोग आज भी अथक रूप से कार्य कर रहा है। स्थायी सुलह आयोग ने हाल ही में पति-पत्नी के बीच वर्षों से चल रहे विवाद को सुलझाया है। स्थायी सुलह आयोग द्वारा जोड़े को एक साथ रहने के लिए मनाने के बाद भी युवती अपने पति से अलग होने के फैसले पर अड़ी रही। आखिरकार दोनों की आपसी सहमति से दोनों के बीच समझौता हो गया और युवती का युवक से तलाक हो गया। युवक ने युवती को 7 लाख रुपए का चेक सौंपा।
सूरत निवासी युवक और युवती की शादी 16 अप्रैल 2016 को हुई थी, लेकिन उनके बीच सामंजस्य नहीं होने के कारण वे अलग-अलग रह रहे थे। दौरान 8 दिसंबर, 2018 को युवती ने दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा संचालित स्थायी निपटान आयोग में आवेदन किया। लड़की के आवेदन करने के बाद से दंपति पिछले पांच साल से अलग रह रहे थे। युवक अपने माता-पिता के साथ रहता था जबकि युवती भी अपने माता-पिता के साथ रहती थी। दोनों पति-पत्नी पिछले पांच साल से अलग रह रहे थे।
युवती द्वारा स्थायी सुलह आयोग में दायर याचिका के बाद दोनों पक्षों युवती और युवक को चार से पांच बार सुना गया। स्थायी सुलह आयोग ने मानद सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, वकीलों, डॉक्टरों, चार्टर्ड अकाउंटेंट, विभिन्न क्षेत्रों की महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं और चैंबर सदस्यों की उपस्थिति में लड़की और लड़के और उनके करीबी रिश्तेदारों की बात सुनने के बाद जोड़े को एक साथ रहने के लिए राजी किया। लेकिन बार-बार समझाने के बाद भी लड़की ने अपने पति के साथ रहने से इनकार कर दिया और अलग होने का फैसला किया। सालों तक चले इस विवाद में आखिरकार युवती और युवक ने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला किया तो स्थायी सुलह आयोग ने इस दिशा में कार्रवाई की और युवक से लेकर युवती को एक लाख रुपये का चेक सौंपा।
यहां यह ध्यान दिया जा सकता है कि दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, सूरत द्वारा प्रबंधित स्थायी सुलह आयोग में, चैंबर के सदस्य, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, वकील, डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट और विभिन्न क्षेत्रों की महिला सामाजिक कार्यकर्ता मानद सेवा और संकल्प प्रदान करते हैं। उनकी उपस्थिति में विभिन्न विवाद जिसमें सभी प्रकार के व्यापारिक विवाद, चल-अचल संपत्ति विवाद, पति-पत्नी के बीच आंतरिक विवाद, पारिवारिक विवाद, आर्थिक विवाद एवं अन्य किसी भी प्रकार के विवाद का निपटारा किया जाता है।
स्थायी सुलह आयोग को केवल एक आवेदन करना होगा। यह सेवा नि:शुल्क है और हर महीने के पहले और तीसरे शनिवार को शाम 5:30 बजे समृद्धि बिल्डिंग, नानपुरा, सूरत में उपलब्ध है। जिला न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की उपस्थिति में विवाद के समाधान और जांच के बाद अंततः न्याय मिलता है। सूरत और सूरत के बाहर से भी कई केस एप्लिकेशन आए हैं, इसलिए जनता से अनुरोध है कि वे इसका लाभ उठाएं।