गुजरात :  मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नवसारी ज़िले के वांसदा से ‘वन सेतु चेतना यात्रा' का भव्य शुभारंभ कराया

वन सेतु चेतना यात्रा वन्य जीवन एवं प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता लाएगी

गुजरात :  मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नवसारी ज़िले के वांसदा से ‘वन सेतु चेतना यात्रा' का भव्य शुभारंभ कराया

पांच दिवसीय वन सेतु चेतना यात्रा 13 ज़िलों के 51 तालुकाओं का समावेश करेगी

 मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के अम्बाजी से उमरगाम तक राज्य के आदिवासी सीमाक्षेत्र का समाविष्ट करने वाली ‘वन सेतु चेतना यात्रा' का गुरुवार को नवसारी ज़िले के वासंदा से शुभारंभ करते हुए कहा कि वन बंधु को विश्वबंधु बनाने के लिए राज्य सरकार ने वन बंधु कल्याण योजना-2.0 के तहत वर्ष 2023-24 में 47,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों के विकास की नई परिभाषा अंकित करने के उद्देश्य से नवसारी, डांग, अरावली, छोटा उदेपुर और महिसागर ज़िले में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में काम शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री और गणमान्य व्यक्तियों ने अति पौराणिक उनाई माता के मंदिर में दर्शन किया और माताजी के समक्ष श्रद्धापूर्वक नमन कर राज्य के नागरिकों की सुखकारी, समृद्धि और प्रगति के लिए प्रार्थना करके यात्रा आरंभ करायी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पावन पर्व के उपलक्ष्य में देशवासियों से देश भर के सभी छोटे-बड़े धर्मस्थलों की स्वच्छता के लिए सार्वभौमिक सफाई अभियान चलाने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने इस अभियान के अंतर्गत उनाई माता मंदिर परिसर की सफाई की। उन्होंने उनाई मंदिर परिसर में 1.76 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले श्री रामजी मंदिर का भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री ने यात्रा की शुरुआत में वन धन विकास, वन लक्ष्मी योजना, स्वामित्व योजना सहित वन विभाग की विभिन्न योजनाओं के लाभ और सहायता चेक वितरित किए। 18 से 22 जनवरी तक पांच दिवसीय चलने वाली यह वन सेतु चेतना यात्रा 13 जिलों डांग, तापी, सूरत, भरूच, नर्मदा, पंचमहाल, छोटाउदेपुर, दाहोद, महिसागर, अरवल्ली, साबरकांठा और बनासकांठा के 51 तालुकाओं से होकर गुजरेगी और तीन लाख आदिवासी भाईयों और बहनों को राज्य और केंद्र सरकार की उपलब्धियों और विकासकार्यों की जानकारी पहुंचाएगी। 

वन सेतु चेतना यात्रा में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के वनवासियों के कल्याण के दृष्टिकोण का लाभ पिछले दो दशकों से गुजरात को मिल रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंबाजी से उमरगाम तक पूर्वी सीमाक्षेत्रों में रहने वाले राज्य के अभिन्न अंग के समान आदिवासी समुदाय को समग्र विकास के माध्यम से विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए वनबंधु कल्याण योजना का सफलतापूर्वक अमलीकरण किया है।

मुख्यमंत्री ने दक्षिण गुजरात के डांग ज़िले और शबरी धाम को आदिवासी अस्मिता का प्रतीक बताते हुए कहा कि श्रीराम के पवित्र चरण जिस भूमि पर पड़े है उस गुजरात की भूमि पर हमें विकसित होने और रहने का मौका मिला है, यह हमारा सौभाग्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाभारत के पौराणिक काल में डांग प्रदेश का उल्लेख दंडकारण्य के नाम से है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की आराध्य माता शबरी के बिना रामायण अधूरी है। शबरीजी के जूठे बेर खाकर भगवान श्रीराम को आदिजाति माता के स्नेह, वात्सल्य और ममता की अनुभूति हुई।

मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने कहा कि वन संरक्षक और प्रकृति पूजक आदिवासी समाज वन संसाधनों के रख-रखाव और पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि वन सेतु चेतना यात्रा राज्य के नागरिकों में वन्य जीवन और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा जगाएगी।  उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का भव्य एवं पवित्र उत्सव पूरे देश में विकास की दिवाली की तरह लोक उत्सव के रूप में पूरे देश में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन ही आदिशक्ति धाम अम्बाजी में वन सेतु चेतना यात्रा सम्पन्न होगी और वह भी वनवासी क्षेत्र में विकास की एक नई ऊर्जा-चेतना जागृत करेगी।

Tags: Navsari