वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के साथ भारत आज विश्व मित्र के रूप में उभरा : अमित शाह

दसवीं वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का हुआ समापन

वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के साथ भारत आज विश्व मित्र के रूप में उभरा : अमित शाह

गांधीनगर, 12 जनवरी (हि.स.)। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 10वें संस्करण का समापन समारोह शुक्रवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में आयोजित हुआ। देश-विदेश के अनेक प्रमुखों, राजदूतों, उद्योगपतियों की उपस्थिति में आयोजित हुई इस तीन दिवसीय समिट के समापन समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस समिट में ‘संकल्प से सिद्धि के मार्ग’ का अद्भुत सशक्तिकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में प्रथम समिट आयोजित हुई थी जिसमें आज गुणात्मक परिवर्तन आया है। एक अर्थ में देखें, तो यह एक युग परिवर्तन की शुरुआत है। आज मैन्युफैक्चरिंग और इन्वेस्टमेन्ट के लिए विश्व में भारत तथा भारत में गुजरात पहली पसंद बना है।

शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब देश की शासन धुरा संभाली, तब भारत अर्थव्यवस्था में 11वें क्रम पर था और आज विश्व में पांचवें क्रम पर है। यह निश्चित है कि आगामी समय में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का मंत्र था। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ भारत विश्व मित्र के रूप में उभर रहा है। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है। स्वामी विवेकानंद की जयंती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के सामर्थ्य एवं संकल्प को साकार कर भारत आज विश्व में अनेक नए आयामों के साथ आत्मविश्वास पूर्वक उभर रहा है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट समिट ने आइडिया और इनोवेशन के प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इतना ही नहीं; गुजरात ने वैश्विक निवेशों को परिणाम उन्मुख तरीके से कार्यान्वित किया है। गुजरात की इस सफल समिट का अनुकरण देश के दूसरे राज्य भी कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पथ पर चल रहे विभिन्न राज्य तथा इसके चलते हमारा देश नए कीर्तिमान हासिल करेगा। शाह ने कहा कि समिट में 4 देशों के प्रमुखों, 100 देशों के प्रतिनिधियों तथा 16 कंट्री पार्टनर्स की सहभागिता स्वयं में एक सफल गाथा है। इसी तरह धोलेरा एसआईआर की जब शुरुआत हुई, तब आलोचक इसकी आलोचना कर रहे थे; परंतु इसके परिणाम आज आप सभी के सामने है। मांडल-बेचराजी आज ऑटो हब के रूप में उभरा है, तो दहेज में पेट्रोकेमिकल, भरूच में बल्क ड्रग पार्क, वडोदरा में बायोटेक्नोलॉजी पार्क के निर्माण के कारण गुजरात में निवेश की संभावनाएँ बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि फ्यूचरिस्टिक इकोनॉमी में देश आज अग्रसर है। सेमीकंडक्टर, ग्रीन टेक्नोलॉजी, बायोफ्यूल जैसे नए उभरते क्षेत्रों में भारत आज अग्रणी बना है। गुजरात में इस पॉलिसी को परिणाम उन्मुख बनाने और धरातल पर प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने का श्रेय गुजरात की राज्य सरकार को जाता है। उन्होंने कहा कि आगामी समय में स्वास्थ्य एवं शिक्षा; दोनों क्षेत्रों में भारत को अग्रसर बनाने वाली पॉलिसीज़ बनी है। इसके चलते भारत विश्व का एजुकेशन हब बनने में समर्थ बना है। इसी प्रकार इलेक्ट्रिक व्हीकल, ग्रीन रोड स्ट्रैटेजी क्षेत्र में भी हम अग्रसर हैं। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को भी हम आगे बढ़ा रहे हैं। स्पेस सेक्टर में एक समय 9 बिलियन डॉलर का निवेश था, जिसे 2040 तक 40 बिलियन डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट डिस्ट्रिक्ट की नई पहल : भूपेंद्र पटेल

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात ने ‘वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट डिस्ट्रिक्ट’ का अभिनव दृष्टिकोण को अपनाकर 32 जिलों के एमएसएमई को ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र के साथ विकसित होने का मंच प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास की रीढ़ एमएसएमई को प्रत्येक वाइब्रेंट समिट की सफलता से नया बल मिला है।

कश्मीर का प्रतिनिधित्व बड़ी सफलता : पुरुषोत्तम रूपाला

केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने समिट में जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधित्व को बड़ी सफलता बताया और कहा कि यह वाइब्रेंट समिट राज्य के सुनहरे भविष्य का दरवाजा खोलने का श्रेष्ठतम पुरुषार्थ है। उन्होंने गुजरात में विशाल समुद्र तट पर फिशरीज सेक्टर में विकास की अपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए उद्योगपतियों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आने का आमंत्रण दिया।

जम्मू-कश्मीर में बहुत कम समय में 90,000 करोड़ रुपए का निवेश : मनोज सिन्हा

जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और गृह मंत्री अमित शाह के विभिन्न प्रयासों से जम्मू कश्मीर में आए सकारात्मक परिवर्तन और विकास की बात करते हुए कहा कि राज्य की नई उद्योग नीति के परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर में बहुत कम समय में 90,000 करोड़ रुपए का निवेश आया है। वहीं, आज इस समिट में जम्मू और कश्मीर के उद्योग विभाग और निवेशकों के बीच 3000 करोड़ रुपए से अधिक राशि के एमओयू हैं। सिन्हा ने आगे कहा कि अतीत में भारत ‘सोने की चिड़िया’ के रूप में जाना जाता था, जिसका कारण भौतिक समृद्धि नहीं बल्कि उसकी शैक्षणिक संस्थाएं, यहां होने वाले शोध और उत्पादों का आविष्कार था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शिक्षा की इस शक्ति को पहचानते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है, जो आने वाले समय में भारत को आर्थिक रूप से संपन्न और शक्तिशाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर आगस्त तानो कुआमे ने कहा कि गुजरात भारत का अग्रणी राज्य है। इतना ही नहीं, गुजरात लीडर है और भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में अग्रसर है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्था है। गुजरात के पास अवसर हैं, गुजरात भारत के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले अधिक तेजी से विकसित हो रहा है। गुजरात आगामी 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देते हुए नेतृत्व करेगा।

नार्वे के ग्रीन हाइड्रोजन डेवलपमेंट प्लांट, ग्रीन हाइड्रोजन संस्था के अध्यक्ष एरिक सोल्हेम ने कहा कि, “मैंने बहुत सी जी20 समिट में हिस्सा लिया है, लेकिन भारत जैसा वाइब्रेंट कोई दूसरा कोई देश नहीं पाया।” उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि भारत बहुत जल्द ही एक विकसित देश बनेगा, जिसमें गुजरात महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विकसित भारत की मंजिल तक पहुंचने के लिए भारत का मुख्य फोकस डिजिटल रिवॉल्यूशन और रिन्यूएबल ऊर्जा जैसे क्षेत्रों पर होना आवश्यक है। टोरेंट ग्रुप के चेयरपर्सन सुधीर मेहता ने कहा कि गुजरात ने चुंगी निर्मूलन और को-ऑपरेटिव क्षेत्र के पुनरुत्थान जैसी उद्योग-मैत्रीपूर्ण पहलों को लागू किया है। उन्होंने कहा कि टोरेंट ग्रुप राष्ट्र निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। टोरेंट ग्रुप ने गुजरात सरकार के साथ ₹48,000 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए है। इस अवसर नायरा एनर्जी के अध्यक्ष तथा हेड ऑफ रिफाइनरी प्रसाद पानीकर, वेलस्पन ग्रुप के अध्यक्ष बी.के. गोयनका, जायडस लाइफ साइंसेज के चेयरमैन पंकज पटेल, उद्योग एवं खान विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. जे. हैदर ने वक्तव्य दिए। 10वीं वाइब्रेंट समिट में 34 देश पार्टनर कंट्री के रूप में सहभागी हुए। जिसमें चार देशों यूएई, मोजाम्बिक, चेक गणराज्य और तिमोर लेस्ते के प्रमुख, वियतनाम के उप प्रधानमंत्री सहित 40 से अधिक मंत्री, 140 से अधिक देशों के 61,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस समिट में कुल 1,31,943 रजिस्ट्रेशन हुए, जिनमें 3590 विदेशी प्रतिनिधि भी सहभागी हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से वाइब्रेंट समिट और देश के सबसे बड़े ट्रेड शो का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के करकमलों से वाइब्रेंट गुजरात की स्मृति में 20 रुपए का सिक्का, डाक टिकट और ई-कॉफी टेबल बुक लॉन्च की गई। इस समिट के अंतर्गत 150 से अधिक सेमिनार और कार्यक्रम आयोजित किये गये। समिट के दौरान जी-20 के सभी विषयों को कवर किया गया, इस समिट में ग्रीन एमओयू पर ध्यान केन्द्रित किया गया और रिन्यूएबल एनर्जी, ईवी, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर आदि पर विशेष सेमिनार आयोजित किए गए।

समापन समारोह में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री महेंद्र मुंजपरा, केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान, गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर चौधरी, गुजरात के उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत, उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी, कुटीर उद्योग राज्य मंत्री जगदीशभाई विश्वकर्मा सहित गुजरात मंत्रिमंडल के सदस्य, नवसारी के सांसद सी. आर. पाटिल, भारत और गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, समिट में भाग लेने वाले विभिन्न देशों के प्रतिनिधि, पार्टनर आर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि, उद्योग जगत के महानुभावों और वाइब्रेंट गुजरात समिट में पधारे महानुभावों, उच्च अधिकारी और नागरिक उपस्थित रहे।