सूरत : चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित 'नीति पंचामृत' के दूसरे दिन भगवान महावीर की नीतियों पर जानकारी दी

प्रबुद्ध जीवन पत्रिका के संपादक डॉ. सेजल शाह ने भगवान महावीर की नीतियां वर्तमान समय में कितनी उपयोगी इस पर मार्गदर्शन दिया

सूरत : चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित 'नीति पंचामृत' के दूसरे दिन भगवान महावीर की नीतियों पर जानकारी दी

द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा 'नीति पंचामृत' का आयोजन किया गया। 'नीति पंचामृत-महावीर नीति' विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें भगवान महावीर के जीवन का गहन अध्ययन करने वाली प्रबुद्ध जीवन पत्रिका की संपादक डॉ. सेजलबेन शाह ने जानकारी दी। उद्यमियों को भगवान महावीर की नीतियां वर्तमान समय में कितनी उपयोगी हो सकती हैं, इसकी जानकारी दी गई।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानद मंत्री निखिल मद्रासी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि भगवान महावीर द्वारा दिये गये क्षमा, त्याग और अपरिग्रह जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों का पालन करने से व्यक्ति जीवन में सफल हो सकता है। जैन धर्म प्रेम, करुणा और त्याग का धर्म है। शहर के नागरिक अधिक जागरूक हों, इसके लिए लगातार जन उपयोगी कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

प्रबुद्ध जीवन पत्रिका की संपादक डॉ. सेजलबेन शाह ने कहा कि भगवान महावीर, वर्धमान महावीर, श्रवण महावीर का अर्थ है एक क्रांतिकारी, एक दूरदर्शी, एक ऐसा चरित्र जिसे अक्सर देखा जाना पसंद है, जिसके विचारों को समझना और उनके बारे में बात करना पसंद है। भगवान महावीर एक ऐसे चरित्र हैं, जो स्वयं लोगों के बीच गए और अपने चरित्र और जीवन अभ्यास से लोगों को अपनी बात बताई।

उन्होंने आगे कहा, महावीर युगपुरुष हैं। महावीर में नम्रता और शील जैसे गुण भी थे। हर इंसान में चार भाव होते हैं धर्म, अर्थ, मोक्ष, काम, लेकिन इंसान में अपरिग्रह का गुण भी होना चाहिए। मानव मूल्यांकन महत्वपूर्ण नहीं है। मानवीय भाव महत्वपूर्ण है। वर्तमान के साथ-साथ भविष्य भी सार्थक होना चाहिए।

डॉ. सेजलबेन शाह ने भगवान महावीर की नीतियों की जानकारी देते हुए कहा कि पुण्य कभी भी पैसे से नहीं खरीदा जा सकता। इसके लिए व्यक्ति को अच्छे कर्म करने होंगे। भगवान महावीर ने कर्म का सिद्धांत स्थापित किया है।

चैंबर के पूर्व अध्यक्ष रूपिन पच्चीगर ने वक्ता का परिचय देते हुए कहा, चैंबर व्यापार और उद्योग का संगठन है, लेकिन 21वीं सदी में व्यापार का केंद्र शिक्षा है। शिक्षा का प्रसार करना भी उतना ही जरूरी है। शिक्षा और ज्ञान से ही जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है। भगवान महावीर का अर्थ प्रेम और करुणा की प्रतिमूर्ति है।

चैंबर के पूर्व अध्यक्ष सी.एस. जरीवाला, ग्रुप चेयरमैन अनुज जरीवाला, जगदीश टेकरा और नरेश कपाड़िया कार्यक्रम में मौजूद रहे। चैंबर के ग्रुप चेयरमैन भद्रेश शाह ने उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया और कार्यक्रम का समापन किया।

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