सूरत : नगर निगम ने बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाई शून्य दुर्घटना नीति, चालक सहित ठेकेदारों की अब खैर नहीं

सूरत के बीआरटीएस रूट पर हो रहे हादसों को लेकर नगर निगम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सख्त नियम बनाए 

 सूरत : नगर निगम ने बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाई शून्य दुर्घटना नीति, चालक सहित ठेकेदारों की अब खैर नहीं

सूरत नगर निगम ने बीआरटीएस रूट पर होने वाले हादसों की जानकारी दी। इस जानकारी के मुताबिक, अब से कोई दुर्घटना होने पर ड्राइवर-कंडक्टर समेत बस एजेन्सी ठेकेदार के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई के कदम उठाने की नीति बनाई गई। नगर निगम में मंगलवार को पदाधिकारियों की महत्वपुर्ण बैठक हुई जिसमें जीरो एक्सटेंड पॉलिसी के तहत नये नियमों को अंतिम रूप  दिया गया।

शहर में सिटी बस और बीआरटीएस बसों की दुर्घटनाओं के कारण मंगलवार को महापौर दक्षेश मावाणी, स्थायी समिति अध्यक्ष राजन पटेल, परिवहन समिति के अध्यक्ष सोमनाथ मराठे, नेता शासक पक्ष शशीबेन त्रिपाठी की उपस्थिति में नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल, विभागीय अधिकारी और बस ओपरेटर एजेन्सी के ठेकादरों की घनिष्ठ चर्चा विचारना के बाद नगर निगम ने झीरो दुर्घटना पोलिसी के नए नियम बनाए। इसके अलावा शासकों ने दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को मुआवजा तथा घायलों को आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई है। इसके अलावा शासकों ने नगर निगम आयुक्त से कहा की दुर्घटना होने पर बस चालक, बस ओपरेटर एजेन्सी के साथ संबंधित अधिकारियों पर भी कार्यवाही की मांग की है। 

शून्य दुर्घटना नीति के तहत नए नियम

  1. ड्राइवर एवं कंडक्टर की योग्यता निर्धारित करना
  2. विजिलेंस टीम ड्राइवर और कंडक्टर की ब्रेथ एनालाइजर से जांच कर प्रतिदिन रिपोर्ट बनाकर जिम्मेदार अधिकारी के माध्यम से सौंपे।नशे की हालत में पकड़े जाने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
  3. कर्मचारियों को कम वेतन देने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना।
  4. चोरी, टिकट न देना, मारपीट जैसी बातें नोटिस करने वाले ड्राइवर, कंडक्टर और एजेंसियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करना।
  5. ड्राइवर-कंडक्टर का मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र स्मीमेर अस्पताल द्वारा नामित डॉक्टर से सात दिन के भीतर प्राप्त कर जमा कराना होगा।
  6. सात दिन के भीतर स्थानीय थाने से चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।
  7. बस में क्या सुविधाएं होनी चाहिए इसकी एक चेकलिस्ट बनाएं. प्रत्येक माह जिम्मेदार अधिकारी के हस्ताक्षर पर सत्यापन कर रिपोर्ट देना।
  8. बस टेंडर शर्तों की जांच करे
  9. जिन बसों में डिजिटल बोर्ड नहीं लगे हैं उन्हें तत्काल चालू करें।
  10. विजिलेंस टीम की जांच में अगर कोई भी आगंतुक बिना टिकट पाया गया तो न केवल कंडक्टर बल्कि एजेंसी पर भी सूरत नगर निगम के वित्तीय गबन की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी और स्थायी रूप से नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
  11. यदि संबंधित एजेंसियों का मुख्य जिम्मेदार व्यक्ति बैठक में उपस्थित नहीं है तो उन्हें कारण बताओ नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगें तथा ब्लैकलिस्टेड की कार्रवाई करें।
  12. अब भविष्य में छोटी-बड़ी दुर्घटना होने पर चालक समेत एजेंसी के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा।
  13. क्रॉसिंग पर गति सीमा 0 होनी चाहिए। साथ ही यह भी निगरानी की जा रही है कि बस निर्धारित गति सीमा के अनुसार चले।
  14. यात्री को बस स्टॉप के अलावा कहीं भी न उतारें
  15. भविष्य में किसी भी घटना की स्थिति में नकद सहायता का भुगतान कंपनी के बिल से किया जाएगा।
  16. दुर्घटना करनेवाले किसी भी चालक के लाइसेंस को निलंबति करने के लिए नगर पालिका द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
  17. एक साल में बीआरटीएस और सिटीलिंक मोबाइल-पैसे चोरी, मारपीट के अपराधों में थाने से सूचना प्राप्त कर कार्रवाई करें।

महापौर दक्षेश मावानी, स्थायी समिति के अध्यक्ष राजन पटेल, सत्तारूढ़ दल के नेता शशिबेन त्रिपाठी, सार्वजनिक परिवहन समिति के अध्यक्ष सोमनाथ मराठे की उपस्थिति में, नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने अधिकारियों और बस ऑपरेटर ठेकेदारों के साथ लंबी चर्चा के बाद नए नियम बनाए हैं।

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