प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारी सांस्कृतिक विरासत और अर्थव्यवस्था के पुनर्जागरण के संवाहक: भूपेन्द्र पटेल
मुख्यमंत्री ने गुजरात यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय कल्चरल इकोनॉमी कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया
तेलंगाना की राज्यपाल और पुड्डुचेरी की उप राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन की उपस्थिति
अहमदाबाद, 8 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सुदृढ़ अर्थव्यवस्था विकसित भारत का आधार बनेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारी सांस्कृतिक विरासत तथा हमारी अर्थव्यवस्था के पुनर्जागरण के संवाहक हैं। वर्ष 2047 में हम जब स्वतंत्रता का शताब्दी महोत्सव मनाएँ, तब भारत को विकसित देश बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने दिशा-दर्शन दिया है।
पटेल शुक्रवार को गुजरात यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय कल्चरल इकोनॉमी कॉन्क्लेव का उद्घाटन कर रहे थे। इस अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल और पुड्डुचेरी की उप राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था के परस्पर जुड़ाव की चर्चा करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तथा संस्कृति एक-दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं और एक-दूसरे पर उनका प्रभाव है। देश की संस्कृति को पहचानना तथा अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना देश के विकास के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। गुजरात यूनिवर्सिटी में आयोजित यह कल्चरल इकोनॉमी कॉन्क्लेव इस उद्देश्य को सार्थक करने की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इस संबंध में उन्होंने कहा कि हमारे त्योहार, हमारी परंपराएँ, सामाजिक मेले तथा सामाजिक कार्यक्रम देश की अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने का कार्य करते हैं। त्योहार हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ऐसे उत्सव अनेक लोगों को तथा उद्योग-व्यवसाय को रोज़गार प्रदान कर देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करते हैं। दिवाली के त्योहार में देश का जीएसटी कलेक्शन सर्वाधिक था, जो इस बात का प्रमाण देता है।
पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में कल्चरल रिफ़ॉर्म हो रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर का निर्माण इसका बड़ा उदाहरण है। इन दोनों कॉरिडोर के निर्माण से ‘पिलग्रिमेज टूरिज़्म’ को प्रोत्साहन मिला है तथा स्थानीय इकोनॉमी को भी गति मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चारधाम यात्रा प्रोजेक्ट के अंतर्गत ऑल वेदर रोड का निर्माण चल रहा है।
मंदिरों का कल्चरल इकोनॉमी डवलपमेंट में महत्वपूर्ण योगदान : डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन
तेलंगाना की राज्यपाल और पुडुचेरी की उप राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने इस अवसर पर कहा कि हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत प्राचीन काल से ही उन्नत रही है। हमारे पूर्वजों और राजाओं द्वारा बनवाए गए मंदिर वर्षों से हमें सांस्कृतिक रूप से जोड़ते और एकजुट करते रहे हैं। हमारे देश के मंदिर कल्चरल इकोनॉमी डवलपमेंट में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज हमारी संस्कृति की सुगंध विश्वभर में फैल रही है। योग संस्कृति को विश्व भर में अपनाया गया है। हमारी पारंपरिक चिकित्सा और प्राचीन स्वास्थ्य पद्धतियों को विश्वभर में अपनाया जा रहा है। इसी प्रकार, मिलेट्स को लोगों के खानपान तक पहुंचाने और स्वास्थ्य देखभाल में लाने के लिए वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है, यह हमारा कल्चरल कनेक्ट है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। गुजरात यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने कहा कि गुजरात यूनिवर्सिटी अपने 75वें वर्ष में प्रवेश कर पारस पर्व मना रही है। इस पर्व के अंतर्गत आयोजित होने वाले इस कल्चरल इकोनॉमी कॉन्क्लेव में भारत की संस्कृति, परंपरा, तीर्थ स्थलों और प्रयागों के बारे में बहुआयामी चर्चाएं और विचार-विमर्श होंगे।
इस अवसर पर विधायक अमित शाह, कौशिक जैन, हर्षद भाई पटेल, जितेन्द्र भाई पटेल, इंडिया थिंक काउंसिल के चेयरमैन सौरभ पांडे, गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. पी. एम. पटेल सहित बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षक उपस्थित रहे।