गुजरात: गर्भपात मामले में गुजरात हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, 28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की मंजूरी

करीब 4 माह पूर्व भी हाई कोर्ट ने एक अन्य मामले में भी 28 सप्ताह के गर्भपात की मंजूरी दी थी

गुजरात: गर्भपात मामले में गुजरात हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, 28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की मंजूरी

अहमदाबाद, 24 नवंबर (हि.स.)। गर्भपात मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। कोर्ट ने 28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की मंजूरी दी है। हाईकोर्ट ने इसके लिए शर्त भी रखी है कि यदि गर्भपात के समय बालक जीवित निकले तो इसकी पूरी जिम्मेदारी हॉस्पिटल और सरकार उठाएगी। करीब 4 माह पूर्व भी हाई कोर्ट ने एक अन्य मामले में भी 28 सप्ताह के गर्भपात की मंजूरी दी थी।

गुजरात के इतिहास में गर्भपात के मामले में एक बार फिर सबसे अधिक अवधि के भ्रूण के गर्भपात की मंजूरी हाई कोर्ट ने दी है। मामले में 16 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद किशोरी गर्भवती हो गई। किशोरी के परिजन ने गर्भपात की मंजूरी मांगी थी। इस पर हाईकोर्ट ने भावनगर हॉस्पिटल को जरूरी जांच के आदेश दिए थे।

भावनगर हॉस्पिटल की रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कुछ शर्तों के साथ गर्भपात की मंजूरी दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने अवलोकन भी दिया है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल को जरूरी शपथ पत्र देना होगा। कोर्ट ने कहा कि गर्भपात के समय बालक जीवित निकले तो सभी जिम्मेदारी हॉस्पिटल और सरकार को उठाना होगा। बालक के जीवित होने पर भविष्य में उसका भरण पोषण से लेकर सभी जिम्मेदारी सरकारी एजेंसी की होगी।

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