अहमदाबाद :  मोरबी झुलता पूल दुर्घटना की पहली बरसी पर मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि

अदानी फाउंडेशन ने अनाथ बच्चों को 5 करोड़ रुपयों का दान दिया

अहमदाबाद :  मोरबी झुलता पूल दुर्घटना की पहली बरसी पर मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि

हृदयविदारक मोरबी स्विंग (झुलता) पूल ढहने की पहली बरसी पर, अदानी फाउंडेशन शोक संतप्त लोगों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है। अदानी फाउंडेशन दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ितों के दुख को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। 30 अक्टूबर को मच्छु नदी पर बना ऐतिहासिक झूलता पुल ढह जाने से 135 लोगों की जान चली गई, जिनमें 20 बच्चे अनाथ हो गए।

मोरबी ब्रिज का ढहना एक चौंकाने वाली त्रासदी थी, जिसने न केवल स्थानीय समुदायों, बल्कि पूरे देश को गहरा सदमा पहुँचाया। इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही अदाणी फाउंडेशन की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और प्रभावित परिवारों का दुख साझा किया और उनके घर तक मदद पहुंचाई। अदानी फाउंडेशन द्वारा प्रभावित परिवारों के अनाथ बच्चों के लिए कुल रुपये 5 करोड़ सहायता की गई है।

उस दिन शिवम परमार राजकोट से मोरबी स्थित अपने माता-पिता से मिलने आये थे। दुर्भाग्य से उसके माता-पिता त्रासदी का शिकार हो गए लेकिन शिवम बच गया। देखते ही देखते शिवम जैसे कई बच्चे अनाथ हो गए। अपने माता-पिता की छत्रछाया खो चुके 20 बच्चों का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अदानी फाउंडेशन ने 25-25 लाख रुपये की सावधि जमा राशि जमा की है।

कक्षा 4 में पढ़ने वाले शिवम का सपना भविष्य में पुलिसकर्मी बनकर देश की सेवा करने का है। फाउंडेशन से अपार प्यार, सांत्वना और मदद पाकर शिवम के दादा भारी मन से कहते हैं, “मेरे राम ने घर आकर दुख के समय में उनकी उंगली पकड़ ली है। अदानी फाउंडेशन को बहुत-बहुत धन्यवाद..!”

आज भी उस मौत के तांडव की पीड़ा जवान और बूढ़े सभी की आंखों को गीला कर देते हैं। गर्भवती मुमताजबेन, जो अपने परिवार के साथ घूमने आई थीं, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वह पूल से लौट रही थीं, तभी उन्होंने बच्चों की चीखें सुनीं।

जैसे ही वह बेहोशी से बाहर आयी तो मानो सचमुच  उनके सीर पर आकाश टूट पड़ा हो। पति और दो बेटियों का शव देखकर वे फिर से बेहोशी की हालत में आ गईं। ऐसे महत्वपूर्ण क्षणों में, अदानी फाउंडेशन उनके आँसू पोंछता है और अजन्मे बच्चे की जिम्मेदारी उठा लेता है। 

तीन महीने के गर्भस्थ शिशु के लिए 25 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट ही नहीं, ब्याज की रकम से उसकी शिक्षा और स्वास्थ्य का खर्च भी पूरा किया जा सकता है। आज वह बच्चा अरहान अदानी फाउंडेशन के लिए बंदगी और दुआ कर रहा है। 

अदानी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक वसंत गढ़वी ने कहा, "हम मोरबी त्रासदी के दौरान घटनास्थल पर पहुंचने पर फाउंडेशन की टीम को मिली उदार मदद और समर्थन के लिए अधिकारियों के आभारी हैं।"

फोटो कैप्शन: मुमताज की गोद में मुस्कुराते हुए अरहान के सिर से दुनिया में आने से पहले ही पिता का साया उठ गया, लेकिन अदानी फाउंडेशन की मदद की बदौलत आज वह परिवार के लिए उम्मीद की किरण बन गए हैं।