वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट कच्छ: 2 दशक में 2500 करोड़ से 1.40 लाख करोड़ के निवेश को पार कर गया कच्छ जिला

कच्छ के कंडला व मुंद्रा बंदरगाह देश के कुल कार्गो का 30 प्रतिशत हैंडल करते हैं

वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट कच्छ: 2 दशक में 2500 करोड़ से 1.40 लाख करोड़ के निवेश को पार कर गया कच्छ जिला

कच्छ में आयोजित होने वाला रणोत्सव विश्वभर के पर्यटकों के लिए सर्वाधिक आकर्षण

गांधीनगर, 20 अक्टूबर (हि.स.)। गुजरात का कच्छ जिला आज अनेक प्रकार की औद्योगिक इकाइयों की उपस्थिति से गतिशील है और राज्य सरकार द्वारा वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के आयोजनों के कारण पिछले 20 वर्षों में कच्छ जिले ने करोड़ों के निवेश को आकर्षित किया है। 22 वर्ष पहले 26 जनवरी, 2001 को आए भीषण भूकंप ने कच्छ में बहुत भारी विनाश किया था। उस समय गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कच्छ जिले और वहाँ बसने वाले लोगों के उत्थान के लिए सक्रिय प्रयास शुरू किए। उनके नेतृत्व में कच्छ के विकास के लिए विभिन्न पहल करते हुए कई योजनाओं को लागू किया गया। जिसके बाद कच्छ का आर्थिक कायाकल्प होना शुरू हुआ। इसमें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज गुजरातियों के समक्ष एक नया कच्छ साकार हुआ है, जहाँ अनेक औद्यगिक इकाइयाँ हैं। भूकंप से पहले कच्छ में 2500 करोड़ रुपए का निवेश था, जिसके मुकाबले आज जिले में 1,40,000 करोड़ रुपए से भी अधिक का निवेश कार्यान्वित है। हर वर्ष जिले में अधिकाधिक निवेश आ रहा है। कच्छ जिले में स्थापित उद्योग 3.5 लाख से अधिक कामगारों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं।

विभिन्न प्रकार के उद्योगों से गतिशील है कच्छ

कच्छ जिले के दूरस्थ पश्चिम कोने में अल्ट्राटेक सिमेंट तथा सांघी सीमेंट के प्लांट्स स्थित हैं, जो विश्व के सबसे बड़े सीमेंट प्लांट्स में एक हैं। कच्छ जिला सबमर्ज्ड आर्क वेल्डिंग पाइप उत्पादन क्षमता की दृष्टि से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हब है। वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड, जिंदल सॉ लिमिटेड, रत्नमणि मेटल्स एण्ड ट्यूब्स लिमिटेड आदि जैसी बड़े स्तर की इकाइयाँ जिले में स्थित हैं। कच्छ में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल प्लांट यानी वेलस्पन इंडिया लिमिटेड का प्लांट स्थित है, जो मुख्यत: पश्चिमी देशों में निर्यात करता है। कच्छ के जिला मुख्यालय भुज में बीकेटी की विशाल कृषि एवं औद्योगिक टायर निर्माता इकाई स्थित है।

कंडला एसईजेड और मुंद्रा एसईजेड

देश के निर्यात को वेग देने वाले दो महत्वपूर्ण विशेष आर्थिक अंचल (स्पेशल इकोनॉमिक जोन यानी एसईजेड) कच्छ ज़िले में कार्यरत हैं। कच्छ स्पेशल इकोनॉमिक जोन (केएएसईजेड) एशिया में पहला और भारत में प्रमुख मल्टी-प्रोडक्ट स्पेशल इकोनॉमिक जोन में एक है। केएएसईजेड का भौतिक निर्यात वित्तीय वर्ष 1996-97 में 7 करोड़ रुपए से बढ़ कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में 9172 करोड़ रुपए हुआ है। हाल में केएएसईजेड में 316 ऑपरेशनल इकाइयाँ हैं, जिनमें देश के लगभग 10 प्रतिशत कार्यकारी एसईजेड हैं। अकेला केएएसईजेड 28,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन करता है और एसईजेड से लगभग 30 प्रतिशत निर्यात पूरे भारत में करता है।

कच्छ के मुंद्रा स्थित अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा मल्टी-प्रोडक्ट पोर्ट आधारित एसईजेड है, जिसमें हाल में 67 इकाइयाँ कार्यरत हैं। मुंद्रा पोर्ट वित्तीय वर्ष 2021-22 में 150.24 मैट्रिक टन (एमटी) कारगो हैंडल कर भारत के किसी भी पोर्ट पर कारगो हैंडल करने के मामले में प्रथम स्थान पर है। ज़िले के कंडला तथा मुंद्रा बंदरगाह मिलकर आज देश के कुल कारगो का 30 प्रतिशत हैंडल कर रहे हैं।

देश में उत्पादित कुल नमक का 30 प्रतिशत उत्पादन कच्छ में

औद्योगिक उपयोग तथा खाद्य उपभोग के लिए देश में उत्पादित कुल नमक का 30 प्रतिशत यानी अनुमानित 200 लाख मैट्रिक टन वार्षिक नमक उत्पादन कच्छ में होता है। जिले में 30 से अधिक खाद्य नमक की रिफाइनरियाँ हैं, जो फ्री-फ्लो आयोडाइज्ड नमक बनाती हैं। इसके अतिरिक्त; कच्छ जिले में ब्रोमीन का उत्पादन करने वाली इकाइयाँ स्थित हैं, जो हाल में वार्षिक अनुमानित 37,000 मैट्रिक टन ब्रोमीन का उत्पाद करती हैं। साथ ही जिले में स्थित अदाणी विल्मार, कारगिल, बंज आदि जैसी खाद्य तेल रिफाइनरियाँ खाद्य तेल का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) करती हैं। जिले में स्पॉन्ज आयरन, टीएमटी बार, इंगोट तथा अन्य स्टील उत्पादों का उत्पादन करने वाले कई स्टील प्लांट्स हैं। इसके अतिरिक्त; ज़िले में बेंटोनाइट एवं ब्लीचिंग मिट्टी के उत्पादक भी हैं।

कच्छ का हैंडीक्राफ्ट क्षेत्र

कच्छ जिला समग्र देश में अपनी अद्भुत कलाकृतियों के लिए विख्यात है। कच्छ की लगभग 20 कलाएँ आइडेंटिफ़ाइड कलाएँ हैं और हाल में 2 कलाएँ (कच्छी शॉल तथा कच्छी एम्बॉइडरी) को जीआई टैग प्राप्त है। कच्छ में हर साल नवंबर से फरवरी यानी चार महीनों के लिए आयोजित होने वाला रणोत्सव आज विश्वभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है, जिसके कारण कच्छ के पर्यटन क्षेत्र को गति मिली है। इसके चलते कच्छ के हैंडीक्राफ़्ट्स के स्थानीय कलाकारों को विशाल बाजार एवं आर्थिक लाभ मिल रहे हैं। फलस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में कच्छ में पंजीकृत कारीगरों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। हाल में जिले में 25,000 से अधिक पंजीकृत कारीगर हैं। केन्द्र सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट यानी ओडीओपी) योजना के अंतर्गत इस क्षेत्र को औपचारिक बनाने और निर्यात को वेग देने का प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात में आगामी जनवरी महीने में आयोजित होने वाली वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के भाग के रूप में हाल में राज्यभर में ‘वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट डिस्ट्रिक्ट’ कार्यक्रम चल रहा है। इसके अंतर्गत राज्य के 33 जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसी क्रम में गत 10 अक्टूबर, 2023 को राज्य के कच्छ जिले में ‘वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट कच्छ’ कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में 1500 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान 3370 करोड़ रुपए के 139 एमओयू हुए।

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